नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 का असम में विरोध चरम पर है। इस विरोद में असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग भी शामिल हो गए हैं। गर्ग ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में प्रचार किया था और पार्टी के लिए गाने गाए थे। गर्ग ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को खुला पत्र लिखा है।
मेहनताना लौटाने को तैयार
सोनोवाल ने जुबीन के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। इस पर गर्ग ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि 2016 में भाजपा के लिए उनके गाए चुनाव गीत का इस्तेमाल कर हासिल किए गए ‘मत’ उन्हें लौटा दिए जाएं। गर्ग ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, ‘‘प्रिय सर्वानंद सोनोवाल दा, मैंने कुछ दिन पहले आपको पत्र लिखा था। लेकिन शायद आप काले झंडे गिनने में व्यस्त हैं।’’ गर्ग के फेसबुक पर 8.58 लाख फॉलोवर हैं।
गर्ग ने यह भी कहा है कि गाने के एवज में मिली रकम वह लौटाने को तैयार हैं। फेसबुक पर यह पोस्ट बहुत वायरल हो गया है। गर्ग ने सीएम तो चेताया है कि यदि उन्होंने इस मामले पर कुछ नहीं किया तो वे आंदोलन करेंगे। असम के एक और लोकप्रिय गायक अंगारग महंत (पापोन) ने भी इसका विरोध किया है।
एनआरसी पर भी बवाल
असम में कई संगठन भी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। 2016 में असम में नागरिक अधिनियम 1995 में बदलाव लाया गया है। संशोधन विधेयक में सरकार ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और इसाईयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का भी बहुत विरोध हो रहा है। इसे अपडेट करने का काम जारी है। एनआरसी के जरिए असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान की जा रही है।