उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में बीते 13 दिनों से फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब आखिरी चरण में पहुंच चुका है। अब किसी भी वक्त सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। इस बीच रेस्क्यू के काम में जुटे कर्मचारियों ने स्ट्रेचर को ड्रिल किए गए मलबे में डालकर मजदूरों को बाहर निकालने का अभ्यास किया और बताया कि किस तरह अंदर फंसे मजदूरों को स्ट्रेचर की मदद से ही बाहर निकाला जाएगा।
अभ्यास के दौरान एनडीआरएफ का एक कर्मी रस्सी से बंधे पहिये वाले एक स्ट्रेचर को धकेलते हुए मार्ग से गुजरा और दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद उसे वापस खींच लिया गया। पिछले 12 दिनों से अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए सुरंग में मलबे के बीच से 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप का उपयोग करके एक रास्ता बनाया जा रहा है।
एनडीआरएफ का एक कर्मी तैयार किये गए रास्ते में गया। वह पहिये वाले स्ट्रेचर पर नीचे की ओर मुंह करके लेटकर अंदर गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान पाया गया कि पाइप के अंदर पर्याप्त जगह है और कर्मी को सांस लेने में कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई।
जानें कैसे सुरंग में फंसे मजदूरों को निकाला जाएगा बाहर, देखें वीडियो-
उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एनडीआरएफ ने फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए पाइपलाइनों के माध्यम से व्हीलड स्ट्रेचर ले जाने का डेमो दिखाया। pic.twitter.com/DH6uiJgYS0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2023
बता दें कि गुरुवार रात मलबे की ड्रिलिंग के दौरान मशीन में आई खराबी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा है। ड्रिलिंग के लिए जिस मंच पर उपकरण लगे हैं उसमें कुछ दरारें आ गईं जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा। अब सूचना मिल रही है कि ड्रिलिंग का दोबारा शुरू होने के बाद मजदूरों को आज दोपहर तक ही बाहर निकाला जा सकेगा।
जानकारी के मुताबिक, घटनास्थल पर एंबुलेंस भी तैनात हैं, जिससे सुंरग से निकाले जाने के बाद मज़दूरों को अस्पताल ले जाने की तैयारी है, जिसके लिए चिन्यालीसौड़ में एक सामुदायिक भवन में 41 बेड वाला एक विशेष अस्पताल भी तैयार किया गया है और टनल से लेकर अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है यानी हर स्तर पर मज़दूरों को सुरक्षित बचाने की तैयारियां हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कल शाम से उत्तरकाशी में मौजूद हैं।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंच चुके हैं, जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।
वहीं, उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, "अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है ये पूरा हो जाने के बाद हम ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए।..."
बता दें कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा धंस गया था और 41 मजदूर फंस गए थे। सिल्क्यारा सुरंग चार धाम परियोजना का हिस्सा है। निर्माणाधीन सुरंग के 2 किमी लंबे हिस्से में मजदूर फंसे हुए हैं। उनके पास पानी तक पहुंच है और क्षेत्र में अच्छी रोशनी है क्योंकि घटना के समय बिजली कनेक्शन नहीं काटा गया था। पाइप के जरिए उन्हें खाना भी मुहैया कराया जा रहा है और वहां ऑक्सीजन भी पहुंचाई जा रही है।