राम मंदिर निर्माण पर भले ही बयानों का दौर जारी हो, लेकिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने 151 मीटर की मूर्ति बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है, लेकिन यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निर्णय लेना है कि मूर्ति 151 मीटर बनेगी या 201 मीटर। ऐसे में यह मूर्ति सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति से भी ऊंची होने की संभावना जताई जा रही है। उम्मीद है कि अयोध्या में दीपावली पर होने वाले आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा करेंगे।
विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, अयोध्या में बनने वाले श्रीराम की मूर्ति की कुल ऊंचाई पैडस्टल सहित 151 मीटर होगी। यदि मुख्यमंत्री 201 मीटर मूर्ति बनाने का निर्णय लेते हैं तो इसमें 151 मीटर की मूर्ति होगी और 50 मीटर का पैडस्टल होगा। करीब आठ सौ करोड़ की लागत से 151 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति और स्मारक की अनुमानित लागत आठ सौ करोड़ रुपए आंकी गई है।
मूर्ति के निर्माण में आने वाले खर्च के लिए सरकार बैंक से लोन या जनसहयोग के लिए अपील भी कर सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, मूर्ति की ऊंचाई और अन्य बिंदुओं पर मुख्यमंत्री का निर्णय आना शेष है। मूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्ट को भी आमंत्रित किया गया है, जिसकी डिजाइन अच्छी होगी, उसी पर मुहर लगाई जाएगी। मूर्ति का निर्माण कांसे से होगा। पहले भगवान श्रीराम की मूर्ति को अयोध्या में श्रीराम लला के मंदिर की तरफ मुंह करके लगाने का प्रस्ताव था, लेकिन ज्योतिषों की सलाह पर मूर्ति का मुंह पूर्व-उत्तर रखा जाएगा। मूर्ति के निर्माण के लिए कार्य योजना आदि कार्यों के लिए कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को निर्देश दिया गया है। यूपीआरएनएन के एमडी राजन मित्तल का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुसार मूर्ति निर्माण से संबंधित कार्यवाही की जाएगी।