सेंट स्टीफेंस के प्राचार्य वालसन थम्पू ने कहा, 'यौन उत्पीड़न के मामले के संदर्भ में रिपोर्ट की मांग करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्राालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पास निर्देश भेजा है। डीयू रजिस्ट्रार की ओर से इस संवाद को काॅलेज के पास भेजा गया और मैंने इस पर स्थिति रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेज दी है।'
सेंट स्टीफेंस काॅलेज के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर सतीश कुमार को कल दिल्ली की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के मामले में अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया था। कुमार के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रही छात्रा ने पिछले सप्ताह पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अक्तूबर, 2013 में कुमार ने उसके साथ छेड़छाड़ की। उसने यह भी आरोप लगाया कि जब मामले की जानकारी काॅलेज प्रशासन को दी गई तो प्राचार्य वालसन थम्पू ने आरोपी प्रोफेसर को बचाने का प्रयास किया।
थम्पू ने सूचित किया कि मामला काॅलेज की आंतरिक शिकायत समिति के पास था और उसी दौरान लड़की ने विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के पास भी यह शिकायत भेज दी। उन्होंने कहा, मानव संसाधन विकास मंत्राालय के निर्देश में यह स्पष्ट नहीं था कि स्थिति रिपोर्ट दोनों समितियों से मांगी गई अथवा सिर्फ सेंट स्टीफेंस से अकेले मांगी गई है।
मंत्रालय में अधिकारियों ने कहा कि जवाब का आकलन करने के बाद इस मामले में कोई कार्रवाई होगी। सेंट स्टीफेंस के प्राचार्य के खिलाफ कोई कार्रवाई अथवा आगे कोई प्रगति विश्वविद्यालय से मिले जवाब के नतीजे पर निर्भर करेगी। डीयू प्रशासन ने पुष्टि की है कि उन्हें सेंट स्टीफेंस से जवाब मिला है और यह मंत्राालय के पास जल्द भेज दिया जाएगा। डीयू के प्रवक्ता मलय नीरव ने कहा, कल शाम सेंट स्टीफेंस के प्राचार्य की ओर से एक नोट डीयू को मिला। विश्वविद्यालय इस पर जल्द ही मंत्रालय को जवाब देगा।