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कश्मीर घाटी में हड़ताल, सामान्य जनजीवन प्रभावित

कश्मीर घाटी में पृथकतावादी संगठनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल की वजह से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अफजल गुरू प्रकरण के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस ए आर गिलानी और जेएनयू छात्रों को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है।
कश्मीर घाटी में हड़ताल, सामान्य जनजीवन प्रभावित

अलगाववादी संगठनों द्वारा शनिवार को घाटी में बुलाई गई हड़ताल की वजह से घाटी समेत श्रीनगर शहर का आम-जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। हड़ताल की वजह से शहर में मुख्य भाग लाल चौक और कई अन्य इलाकों में अधिकतर व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप और कार्यालय बंद रहे, सरकारी कार्यालयों में भी हाजिरी बहुत कम रही। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए, हालांकि निजी कारें, टैक्सियां और ऑटो रिक्शा कई जगहों पर चले।

 

उन्होंने बताया कि हुर्रियत कॉंफ्रेंस और जेकेएलएफ सहित पृथकतावादी संगठनों ने गिलानी और जेएनयू छात्रों की गिरफ्तारी के खिलाफ कल प्रदर्शन और आज हड़ताल का आह्वान किया था। इस बीच एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मैसूमा और अन्य पुराने संवेदनशील इलाकों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रफेसर के खिलाफ देशद्रोह के आरोप दर्ज किए जाने को दिल्ली पुलिस का अनुचित दमन करार दिया है।

 

 

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