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तमिलनाडु सरकार ने पिता-पुत्र की हिरासत में मौत की जांच का मामला सीबीआई को सौंपा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने तूतीकोरिन जिले में कथित...
तमिलनाडु सरकार ने पिता-पुत्र की हिरासत में मौत की जांच का मामला सीबीआई को सौंपा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने तूतीकोरिन जिले में कथित पुलिस ज्यादती के बाद पिता-पुत्र की मौत की जांच का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद मामला सीबीआई को हस्तांतरित किया जाएगा। पी जयराज और बेनिक्स को 19 जून को तूतीकोरिन में उनकी मोबाइल फोन की दुकान से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि दुकान को लॉकडाउन के दौरान अनुमति के घंटों से अतिरिक्त समय तक खुला रखने के कारण गिरफ्तार किया गया था। इसके चार दिन बाद अस्पताल में दोनों की मौत हो गई थी। परिवारवालों का आरोप था कि पुलिसवालों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा।

दो उप निरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया

इस घटना ने राष्ट्रीय हंगामा मचा दिया था, जिस कारण दो उप निरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। एक सरकारी डॉक्टर की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि पुलिस यातना के कारण पिता-पुत्र को कई चोटें आई थीं। कोविलपट्टी उप-जेल अस्पताल से प्राप्त रिकॉर्ड से पता चलता है कि जयराज और उनके बेटे बेनीक्स के ग्लूटियल भाग पर कई निशान थे। बेनीक्स के मामले में अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला कि उसके घुटने के कप दबाए गए थे, वहीं रिकॉर्ड के मुताबिक जयराज मधुमेह से पीड़ित थे। डॉक्टर की रिपोर्ट में दर्ज ये टिप्पणियां यातनाएं दिए जाने का संकेत देती हैं।

पिता-पुत्र दोनों को 19 जून को लॉकडाउन के दौरान पुलिस पूछताछ के लिए ले गई थी

पिता-पुत्र दोनों को 19 जून को लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल एसेसरीज की दुकान को खुला रखने के कारण सथानकुलम पुलिस इन्हें पूछताछ के लिए ले गई थी। हिरासत में रहने के दौरान पुलिस ने उनके साथ क्रूरता की, जिससे उनकी मौत हो गई थी। बेटा बीमार हो गया और 22 जून को कोविलपट्टी जनरल अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उसके पिता की मृत्यु 23 जून की सुबह हुई थी।

एजेंसी इनपुट

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