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तेजस्वी का सवाल, मुजफ्फरपुर गर्ल्स हॉस्टल यौन शोषण मामले में चुप क्यों हैं नीतीश और सुशील

बिहार के मुजफ्फरपुर के गर्ल्स हॉस्टल (बालिका गृह) में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में राजद नेता...
तेजस्वी का सवाल, मुजफ्फरपुर गर्ल्स हॉस्टल यौन शोषण मामले में चुप क्यों हैं नीतीश और सुशील

बिहार के मुजफ्फरपुर के गर्ल्स हॉस्टल (बालिका गृह) में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि हर बात पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। लड़कियों के यौन शोषण का मामला उस वक्त और गर्मा गया जब यह रिपोर्ट आई कि वाली 44 में से तीन लड़कियां गर्भवती पाई गई हैं।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर पूछा कि सरकार मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में लड़कियों से यौन शोषण के मामले पर चुप क्यों है? उन्होंने सवाल किया कि कौन-कौन सफेदपोश और अधिकारी यौन-उत्पीड़न में सम्मिलित है? तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि हर बात पर प्रेस काफ़्रेंस करने वाले सुशील मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप क्यों हैं? किस बात की रहस्यमयी चुप्पी?

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश जी बताएं, बालिका गृह का संचालनकर्ता जो एक अखबार भी चलाता है उसे उनके अधीन पीआरडी विभाग द्वारा कितने करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया गया है और किन कारणों से दिया है? राजद नेता ने कहा कि क्या बालिकाओं के साथ कुकृत्य करने वाले के अखबार को नैतिक बाबू को प्रतिबंध नहीं करना चाहिए?

मुंबई की संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार हॉस्टल में रहने वाली लड़कियां नेता से लेकर अधिकारी तक के घरों में भेजी जाती थीं। जब मामले की जांच आगे बढ़ी तो पाया गया कि हॉस्टल की 44 लड़कियों में तीन गर्भवती पाई गईं हैं। यहां 6-14 साल की लड़कियों को आश्रय देने की सुविधा है। इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद हराम हो गई है। हॉस्टल का संचालन करने वाली संस्था के लोग पहले से ही फरार हैं। जिला प्रशासन ने आनन-फानन में वहां रहने वाली लड़कियों को पटना और मधुबनी स्थानांतरित कर दिया है और हॉस्टल को सील कर दिया है। रिपोर्ट में टाटा संस्था ने सेवा संकल्प एवं विकास समिति के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ करेक्टिव एक्शन लेने की सलाह दी थी। 
इधर, इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के कर्ताधर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया है। पुलिस ने सहायक निदेशक के शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। एनजीओ से जुड़े सभी लोग फिलहाल फरार बताए जा हैं।

पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित संस्थाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग पटना के निदेशक को सौंपी। इस रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिका गृह के कार्यकलाप पर गंभीर सवाल उठाए। रिपोर्ट में ऑडिट टीम ने दावा किया कि बालिक गृह में रहने वाली कई बालिकाओं ने यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है।

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