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तेलंगाना: 8,000 न्यायिक कर्मी हड़ताल पर, अदालतों में काम ठप

तेलंगाना के आंदोलनरत न्यायाधीशों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राज्य की विभिन्न अदालतों और न्यायिक विभागों में काम करने वाले करीब 8,000 कर्मी शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इससे राज्य की अदालतों का कामकाज ठप पड़ गया और मुकदमों में उलझे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तेलंगाना: 8,000 न्यायिक कर्मी हड़ताल पर, अदालतों में काम ठप

तेलंगाना में न्यायिक अधिकारियों का आंदोलन गंभीर होता जा रहा है। तेलंगाना की अदालतों में आंध्र प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों को अस्थायी तौर पर आवंटित किए जाने के मुद्दे पर चल रहे विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन में शामिल रहे 11 न्यायिक अधिकारियों के निलंबन के खिलाफ तेलंगाना के करीब 200 न्यायाधीश सामूहिक अवकाश पर हैं। राज्य के वकील भी न्यायिक अधिकारियों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। शुक्रवार को स्थिति तब और गंभीर हो गई जब न्यायिक अधिकारियों के समर्थन में राज्य के 8000 न्यायिक कर्मी बेमियादी हड़ताल पर चले गए। कर्मियों ने उच्च न्यायालय के बंटवारे और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों की अस्थायी नियुक्ति की सूची को वापस लेने सहित अन्य मांगें रखी हैं। अखिल भारतीय न्यायिक कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव बी लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि सभी 10 जिलों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। रेड्डी ने कहा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों की नियुक्ति सूची को हम तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय का बंटवारा होना चाहिए। हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

 

हैदराबाद स्थित उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोंसले सहित अन्य न्यायाधीशों ने आंदोलन कर्मियों एवं न्यायिक अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी अवैध हड़ताल और अपना आंदोलन तुरंत खत्म करें और जनहित में अपने काम पर लौट आएं। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में चेतावनी दी गई कि यदि हड़ताल तुरंत नहीं रोकी गई तो उसे अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा ताकि वादियों-प्रतिवादियों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाई जा सके। रेड्डी तथा एसोसिएशन के आठ अन्य प्रमुख सदस्यों को उच्च न्यायालय ने गुरूवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया था। उच्च न्यायालय ने पिछले चार दिन में अनुशासनिक आधार पर 11 न्यायिक अधिकारियों को भी निलंबित किया है। रेड्डी ने कहा कि उनकी मांगों में 11 न्यायाधीशों के निलंबन आदेशों को वापस लेना और विभिन्न अदालतों में खाली पड़े पदों को भरना भी शामिल है। इस बीच, तेलंगाना विधिक समुदाय ने आज इंदिरा पार्क में महाधरना कर मौजूदा उच्च न्यायालय के तुरंत बंटवारे सहित अपनी सभी मांगें तुरंत पूरी करने की मांग की। उच्च न्यायालय ने वकीलों से भी अपनी हड़ताल खत्म करने की अपील की।

 

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