ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना का दर्द भुलाया नहीं जा सकता। विगत 2 जून को हुई इस त्रासदी में 278 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। अब इसकी जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की 10 सदस्यीय टीम इस समय ओडिशा में है और उसने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की। बता दें कि दो यात्री और एक मालगाड़ी के बीच हुई इस दुर्घटना की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी गई है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने रविवार को दुघर्टना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 278 लोगों की जान गई थी और करीब 1200 लोग घायल हुए थे।
सीबीआई अधिकारियों के साथ आई फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूप के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि रेलवे बोर्ड ने इस दर्दनाक हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मंत्री ने यह भी कहा था कि दुर्घटना "इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव" के कारण हुई।
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल तंत्र की एक व्यवस्था है, जो पटरियों की व्यवस्था के माध्यम से ट्रेन के सुरक्षित संचलन की सुविधा प्रदान करती है। जब तक मार्ग सुरक्षित न हो तब तक किसी भी ट्रेन को आगे बढ़ने का संकेत नहीं मिलता है। इसीलिए ट्रेनों के सफल और सुरक्षात्मक संचालन में कमी नहीं आती। मगर इस हादसे ने रेलवे की व्यवस्थाओं पर बड़े प्रश्न खड़े किए हैं। बहरहाल, रेलवे भी हादसे की जांच कर रहा है।
सीबीआई हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है। खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने संदेह जताया है कि सिग्नल प्रणाली में संभवत: ‘छेड़छाड़’ की गई है।
उल्लेखनीय है कि घटना के एक दिन बाद यानी तीन जून को ओडिशा पुलिस द्वारा बालोसोर राजकीय रेलवे पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 64 की जांच केंद्रीय एजेंसी ने अपने हाथ में ली है।
दक्षिण पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने कहा, ‘‘सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी। वह जानकारी एकत्र कर रही है और रेलवे इसमें पूरा सहयोग करेगा।’’
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (दक्षिण पूर्वी क्षेत्र) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और अपनी जांच के तहत हादसे के बारे में लोगों से बात की।
एक अधिकारी ने बताया कि हादसे की वजहों की जानकारी सीबीआई और सीसीआरएस की जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि बालासोर जीआरपी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और वह भी हादसे की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि दो जून शाम करीब सात बजे हावड़ा के नजदीक शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी जिससे उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय दूसरी ओर से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुई बोगियों से टकरा गए थे।
हादसे में मारे गए 278 लोगों में 177 लोगों की पहचान कर ली गई है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।