प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय गुजरात दौरे पर हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी ने गांधीनगर में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पाकिस्तान का प्रॉक्सी वार नहीं माना जा सकता। यह पाकिस्तान की सोची समझी रणनीति है। पाकिस्तान जानता है कि वह लड़ाई में भारत से जीत नहीं सकता। आतंकवाद पाकिस्तान की युद्ध रणनीति है। उसे उसी की भाषा में जवाब मिलेगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "1947 में मां भारती के टुकड़े हुए। उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ था। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर पाकिस्तान ने हड़प लिया था। अगर उसी दिन इन मुजाहिद्दीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता। सरदार पटेल की इच्छा थी कि PoK वापस नहीं आता है तब तक सेना रुकनी नहीं चाहिए, लेकिन उनकी बात मानी नहीं गई। ये मुजाहिद्दीन जो लहू चख गए थे ये सिलसिला 75 साल से चला है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था।"
पीएम ने कहा, “75 साल तक हम झेलते रहे। पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटा दिया। पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वो भारत से जीत नहीं सकता। इसलिए उसने प्रॉक्सी वार चालू किया। सैन्य प्रशिक्षण होता है। सैन्य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं। निर्दोष, निहत्थे लोगों को जहां मौका मिला मारते रहे। हम सहते रहे। क्या अब यह सहना चाहिए? क्या गोली का जवाब गोले से देना चाहिए? ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। इस कांटे को जड़ से उखाड़ देना चाहिए।”
पीएम मोदी ने कहा, "हम अपने पड़ोसियों का सुख चाहते हैं। वे सुख से जीएं और हमें भी सुख चैन से जीने दें। जब बार-बार हमारे सामर्थ्य को ललकारा जाए तो ये देश वीरों की भी धरती है। आज तक जिसे प्रॉक्सी वार कहते थे। 6 मई के बाद जो दृष्य देखे गए, उसके बाद हम उसे प्रॉक्सी वार कहने की गलती नहीं कर सकते। इसका कारण है जब आतंकवाद के 9 ठिकाने तय करके 22 मिनट में ध्वस्त कर दिया। इस बार तो सब कैमरे के सामने किया। सारी व्यवस्था रखी थी। ताकि हमारे घर में कोई सबूत न मांगे। अब हमें सबूत नहीं देना पड़ रहा है।"
उन्होंने कहा, "जो आतंकवादियों के जनाजे निकले 6 मई के बाद जिनका कत्ल हुआ उस जनाजे को पाकिस्तान में स्टेट ऑनर दिया गया। उनके ताबूत में पाकिस्तान के झंडे लगाए गए। उनकी सेना ने उनको सैल्यूट दी। ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वार नहीं है। ये पाकिस्तान की सोची-समझी युद्ध की रणनीति है। आप लड़ाई ही कर रहे हैं। उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।"