हालांकि राज्य में चुनाव अभी 10 महीने दूर हैं मगर रामदेव की जमीन लौटाने का प्रस्ताव विभागीय स्तर पर शुरू किया जा चुका है। इस बारे में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यालय के आदेश के बाद राजस्व विभाग इसका प्रस्ताव बना रहा है।
दरअसल पतंजलि ट्रस्ट ने सरकार से इस जमीन को ट्रस्ट को वापस देने के लिए आवेदन किया था। यह आवेदन सीएम वीरभद्र सिंह के नाम पर भेजा गया। इसे सीएम कार्यालय ने राजस्व विभाग को भेज दिया। राजस्व विभाग ने जमीन वापस ट्रस्ट को देने का प्रस्ताव तैयार कर दिया है
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने 2012 के दिसंबर महीने में सत्ता में आते ही बाबा रामदेव को भाजपा की पूर्व सरकार के समय सोलन जिला के साधुपुल में लीज पर दी गई जमीन की लीज को रद्द कर भूमि कब्जे में ले ली थी। मामला न्यायालय तक पहुंचा, जहां अभी मामला विचाराधीन है।