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दिल्ली का ऐतिहासिक 'राजपथ' अब कहलाएगा 'कार्तव्यपथ'; मोदी सरकार बदलेगी नाम, एऩडीएमसी की विशेष बैठक बुलाई

दिल्ली का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्यपथ कहलाएगा। केंद्र की मोदी सरकार ने इसका नाम बदलने का फैसला किया...
दिल्ली का ऐतिहासिक 'राजपथ' अब कहलाएगा 'कार्तव्यपथ'; मोदी सरकार बदलेगी नाम, एऩडीएमसी की विशेष बैठक बुलाई

दिल्ली का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्यपथ कहलाएगा। केंद्र की मोदी सरकार ने इसका नाम बदलने का फैसला किया है। इसके साथ ही सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम भी बदला जाएगा। लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही थी। माना जा रहा है कि नाम बदलने की कवायद इसी कड़ी में की जा रही है।

नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है और प्रस्ताव को परिषद के समक्ष रखा जाएगा। बताया जाता है कि इसमें नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगाई जाएगा। इसके बाद इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क और क्षेत्र कार्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। इससे पहले पीएम की सड़क का नाम भी रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी आठ सितंबर को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे खंड का उद्घाटन करेंगे। राजपथ के साथ बने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राज्यवार फूड स्टॉल, चारों ओर हरियाली, ग्रेनाइट पैदल मार्ग, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल और चौबीसों घंटे सुरक्षा की व्यवस्था होगी। हालांकि, इस दौरान इंडिया गेट से मान सिंह रोड तक गार्डेन एरिया में उन्हें खाने की इजाजत नहीं होगी।

पीएम मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कॉलोनियल मानसिकता से संबंधित प्रतीकों से मुक्ति पर जोर दिया था। तब पीएम ने 2047 तक कर्तव्यों के महत्व पर भी जोर दिया था। सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 साल बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक नहीं रहना चाहिए, सब कुछ न्यू इंडिया वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए।

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