डॉ. तंवर ने कहा कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सदन में हरियाणा के गोरखपुर परमाणु संयंत्र की बजाए सदन में इसे भरतपुर परमाणु संयंत्र बताया जबकि भरतपुर हरियाणा में नहीं राजस्थान में स्थित है। डॉ. तंवर ने कहा कि डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस परमाणु संयंत्र के लिए भाजपा शासन में इसके लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने की बात भी पूरी तरह से बेबुनियाद है क्योंकि इस परमाणु संयंत्र के लिए यूपीए शासन में 13 जनवरी 2014 को भूमि अधिग्रहण कर यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस संयंत्र की आधारशिला रखी थी।
उन्होंने कहा कि उस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह ने यहां परमाणु बिजली रैली को भी संबोधित किया था। 23 हजार 502 करोड़ के इस विशाल प्रोजेक्ट में 700-700 मेगावाट की 4 इकाईयां स्थापित की गई हैं। यूपीए सरकार का प्रयास था कि इसके आरंभ होने से फतेहाबाद, सिरसा सहित आसपास के इलाकों में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी मगर सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट की दिशा में कदम नहीं उठाय़ा। डॉ. तंवर ने कहा कि कम से कम केंद्रीय मंत्रियों को सदन की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए।