ताज महल एक बार फिर विवादों में है। पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन स्थलों की सूची से ताज का नाम हटाए जाने पर भारी विवाद हुआ था। विवाद को विराम देने के लिए योगी आदित्यनाथ ने खुद ताज महल जाना पड़ा था।
इस बार दस दिन के ताज महोत्सव में नए निर्णय ने फिर विवाद की आंच को गरमा दिया है। इस साल होने वाले ताज महोत्सव में राम पर आधारित नृत्य नाटिका से महोत्सव का शुभारंभ होगा। इस घोषणा के बाद विपक्ष ने सरकार पर उत्सव के भगवाकरण का आरोप लगाया है।
एएनआई के मुताबिक, 10 दिन चलने वाले ताज महोत्सव के इतिहास में पहली बार बार होगा कि मुगल काल की कला, संस्कृति और खानपान के बजाय रामायण पर आधिरत राम पर नृत्य नाटिका दिखाई जाएगी। ताज महोत्सव 18 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। उद्घाटन के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाइक मौजूद रहेंगे।
समाजवादी पार्टी ने ताज महोत्सव में राम पर नृत्य नाटिका का कड़ा विरोध किया है। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए पार्टी के एमएलसी और प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा, ‘बीजेपी सरकार द्वारा ताज महोत्सव को जानबूझ कर भगवा रंग देने की साजिश है। अयोध्या में राम लीला हो तब तक तो ठीक है लेकिन ताज महल में ऐसे आयोजन का क्या औचित्य है। भाजपा नेता पहले से ही मुगल शासकों की स्थापत्य कला के इस नमूने के खिलाफ काफी जहर उगल चुके हैं।’
सरकार का अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। ताज महोत्सव के लिए एक कमेटी होती है और यह निर्णय कमेटी का है। पर्यटन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस बार आई कुल 150 प्रविष्टियों में से कमेटी ने ‘धरोहर’ थीम को चुना है। अब इसी थीम पर आधारित ही ब्रांडिंग से लेकर प्रमोशन तक सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।