तीनों दामोह की जिला अदालत में चपरासी के पद पर नियुक्त थे। तीनों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उनके खिलाफ एक साल तक विभागीय जांच चली। जांच में उन्हें मध्य प्रदेश सिविस सर्विसेज रूल्स 1961 की धारा 6 (6) का उल्लंघन करने का दोषा पाया गया।
साल 2000 में इस नियम के अंदर संशोधन कर अधिकतम 2 बच्चों का प्रावधान जोड़ा गया था। इस नियम का हवाला देते हुए 23 जून को जिला व सेशन जज अंजुलि पानो ने कल्याण सिंह, चंदा ठाकुर और लालचंद को बर्खास्त कर दिया। अंग्रेजी मीडिया के अनुसार इस नियम का उल्लंघन करने पर 11 और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बर्खास्त चपरासी लालचंद ने कहा कि पूरे प्रदेश में ऐसे लाखों कर्मचारी हैं जो इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं। सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।