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गिरिश कर्नाड को जान से मारने की धमकी

18 सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को लेकर विवाद गंभीर मोड़ पर पहुंचता जा रहा है। इस विवाद में बुधवार को नया मोड़ तब आया जब मशहूर अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड को जान से मारने की धमकी दी गई।
गिरिश कर्नाड को जान से मारने की धमकी

कर्नाड को यह धमकी एक ट्वीट के जरिये दी गई है। उन्हें दी गई धमकी में कहा गया है कि उनका भी वही हश्र होगा, जो कन्नड़ लेखक कलबुर्गी का हुआ था। लेखक एमएम कलबुर्गी की इसी साल अगस्त में हत्या कर दी गई थी। बुधवार को चंद्रा नामक एक अज्ञात व्यक्ति ने ट्वीट कर कर्नाड को यह धमकी दी। हालांकि बाद में उस व्यक्ति ने अपना धमकी वाला ट्वीट हटा लिया। मिली धमकी के बाद बेंगलुरु में एक बयान जारी कर कर्नाड ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा, वह उनकी अपनी निजी राय थी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। अगर इससे किसी को पीड़ा पहुंचती है तो उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। बता दें कि जाने माने नाटककार और अभिनेता कर्नाड ज्ञानपीठ सम्मान से सम्मानित हैं।

 

गौरतलब है कि हाल ही में कर्नाटक सरकार द्वारा मैसूक के शासक रहे टीपू सुल्तान की 265वीं जयंती मनाने की वजह से भाजपा और आरएसएस-वीएचपी से जुड़े संगठन इसके विरोध में हैं। इसके खिलाफ आरएसएस और अन्य हिंदू संगठन लगातार कर्नाटक में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल इस विवाद के बीच कर्नाड ने बयान दिया था कि अगर टीपू सुल्तान हिंदू होते तो उन्हें भी मराठा शासक छत्रपति शिवाजी की तरह ही सम्मान मिलता। साथ ही कर्नाड ने मांग की थी बेंग्लुरु हवाई अड्डे का नाम बदलकर टीपू सुल्तान के नाम पर किया जाए। बेंग्लुरु हवाईअड्डा का नाम विजयनगर के शासक रहे केंपेगौड़ा के नाम पर है। कर्नाड का तर्क था कि केंपेगौड़ा टीपू सुल्तान की तरह एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे। 1537 में बेंगलुरु की स्थापना करने वाले केंपेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य में एक जागीरदार थे। कर्नाड के इन बयानों के बाद भाजपाइयों और अन्य हिंदू संगठनों ने बुधवार को पूरे कर्नाटक में कई जगह विरोध प्रदर्शन भी किया।

   

इस मुद्दे पर पिछले दिनों भाजपा के कोडागु बंद के दौरान एक विहिप कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। जिसने इस मामले में आग में घी डालने का काम किया है। हालांकि पुलिस ने उस घटना को एक हादसा बताते हुए कहा था कि कार्यकर्ता की मौत लाठीचार्ज से बचने के लिए भागने के दौरान गिरने से हुई है।

 

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