भाजपा हाईकमान ने पहले तो अचानक त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम की कुर्सी से हटाकर चौकाया और सांसद तीरथ सिहं रावत को नया मुख्यमंत्री बनाकर फिर से चौकाया। कल से जिन नामों को सीएम और डिप्टी सीएम के लिए चल रहे थे वो सारे के सारे कयास धरे रह गए।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई विधानमंडल दल की बैठक में पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया। रावत इस समय पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं। इससे पहले वे उत्तराखंड सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। भाजपा हाईकमान ने उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। हाईकमान को उन पर खासा भरोसा था। यही वजह रही कि उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया। यूपी के समय में वे विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। संघ की पृष्ठभूमि वाले तीरथ के साथ कोई विवाद लंबे सियासी करियर के बाद भी नहीं जुड़ पाया।
उत्तराखंड की सियासत को लेकर भाजपा हाईकमान पिछले चार रोज से लगातार चौंका रहा है। पहले आनन-फानन में पर्यवेक्षक भेजकर हालात का जायजा लिया और अगले ही रोज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस्तीफा देने का आदेश दिया। इसके बाद नए सीएम के चयन की बारी आई तो कई बड़े नाम और नए चेहरे सामने आने लगे। मीडिया ने भी अपने अंदाज में तमाम नाम उछालने लगे। लेकिन जब नाम सामने आया तो मीडिया के तमाम कयास धरे रह गए।
अब भाजपा को लड़ने होंगे दो चुनाव
भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए तीरथ सिंह रावत इस समय लोकसभा के सदस्य हैं। सीएम पद की शपथ लेने के छह माह के अंदर ही उन्हें विधानसभा का सदस्य भी बनना होगा और लोकसभा से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में भाजपा को पौड़ी संसदीय सीट पर उप चुनाव लड़ना होगा। अल्मोड़ा की सल्ट विस सीट पर चुनाव होना है। अगर तीरथ इस सीट से विधायकी लड़ते हैं तब तो कई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अगर वो कोई और सीट चुनते हैं तो पहले उस सीट के विधायक से इस्तीफा दिलवाना होगा और फिर उप चुनाव होगा।