पंजाब के संगरूर जिले में 6 जून को घर के सामने ही खेतों में खेलते समय 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन 5 दिन के बाद आखिरकार सफल हुआ था लेकिन आज यानी मंगलवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। बच्चे बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत एंबुलेंस से डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया। बाद में पीजीआइ में बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। उसे सुबह करीब सवा पांच बजे निकाला गया।
गुरुवार की शाम करीब चार बजे खेलने के दौरान वह इस्तेमाल न किए जा रहे बोरवेल में गिर गया था। मासूम बच्चे को निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें जुटी हुई थीं।
पांच दिनों बोरवेल में फंसा था फतेहवीर
फतेहवीर बोरवेल में 150 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था। पिछले पांच दिनों से उसे निकालने की कोशिशें की जा रही थीं। इस दौरान रेसक्यू ऑपरेशन में बार-बार दिक्कत आने के कारणा बच्चे को बाहर निकालने में काफी देर हुई और इसी कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बच्चे को बाहर निकालनेकी कोशिशें में एनडीआरएफ, सेना की असॉल्ट इंजीनियरिंग रेजीमेंट की टीम जुटी रही। मौके पर मेडिकल टीमें भी तैनात थीं।
मंगलवार सुबह सवा पांच बजे फतेहवीर को निकालकर तुरंत एंबुलेंस के जरिये एंबुलेंस में डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। वहां प्रारंभिक उपचार के बाद बच्चे को चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया। इस दौरान फतेहवीर की स्थिति पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था।
परिवार का आरोप- बच्चे को निकालने में प्रशासन ने की लापरवाही
दूसरी ओर परिवार का आरोप है कि फतेहवीर को निकालने में प्रशासन ने लापरवाही की है। बताया जा रहा है कि जिस बोरवेल से फतेहवीर गिरा था, उससे रस्सी के सहारे निकाला गया, टनल व सुरंग से निकालने में एनडीआरएफ टीम को कोई सफलता हाथ नहीं लगी। चंडीगढ़ पीजीआइ में बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। अब विशेषज्ञ टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी।
#Punjab: Locals in Sangrur protest against the state government over death of two-year-old Fatehveer Singh who fell into a 150-foot-borewell on June 6. pic.twitter.com/8QSdOJHxaF
— ANI (@ANI) June 11, 2019
बच्चे को निकालने के लिए सेना-एनडीआरएफ की टीमों ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर
फतेहवीर सिंह के बोरवेल में फंसे होने की सूचना मिलते ही सेना-एनडीआरएफ की टीमों ने उसे बचाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। बचावकर्मियों की कड़ी मशक्त के बाद मंगलवार को आखिरकार सफलता मिल गई। बच्चे को आज बोरवेल के समानांतर खोदी गई टनल की मदद से बाहर निकाल तो लिया गया लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। अस्पताल में बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जताया दुख
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर दुख व्यक्त किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी बोरवेल की जांच के भी आदेश दे दिए हैं। इससे पहले बच्चे को बोरवेल से निकाले जाने के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह साढ़े पांचवें दिन शाम करीब 6 बजे पहुंचे। इससे पहले दोपहर में सीएम ने भी ट्वीट कर पूरे मामले पर नजर होने की बात लिखी।