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बुरी दौर में अच्छी खबर, उडुपी कृष्ण मंदिर में पढ़ी गई नमाज

इस बुरे दौर में जब दो समुदाय के बीच विश्वास कम होते हुए खत्म होता जा रहा है, उडुपी के कृष्ण मंदिर ने अनोखी मिसाल पेश की है। कल ईद के मौके पर कई मुस्लिम भाइयों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर समुदाय पर हो रहे हमलों का मौन विरोध किया था। इससे अलग प्राचीन काल के कृष्ण मंदिर में इतिहास में पहली बार रोजेदारों ने न सिर्फ नमाज पढ़ी बल्कि रोजा भी तोड़ा।
बुरी दौर में अच्छी खबर, उडुपी कृष्ण मंदिर में पढ़ी गई नमाज

एक महीने मुस्लिम अनुयायी रोजे रखते हैं। दिनभर बिना पानी और खाने के रहते हैं और इबादत करते हैं। इस इंतजार में कि आखिरी दिन सब्र का फल वाकई मीठा होगा। लेकिन कई दिनों से जिस तरह से इस समुदाय पर हमले हो रहे हैं सेंवई की मिठास मानो गुम ही गई। उडुपी के कृष्ण मंदिर में करीब डेढ सौ मुस्लिम धर्मावलंबियों ने सौहार्द उपहार कूट (हार्मनी फीस्ट) में भाग लिया। यह आजोजन पेजावर मठ के श्री विश्व तीर्थ स्वामी ने किया था। रोजा तोड़ने से पहले रोजेदारों ने वहीं मंदिर परिसर में नमाज अदा की।

स्वामी विश्व अपने कदम से शांति और सौहार्द का संदेश देना चाहते थे। उनका कहना है कि दोनों धर्मों के लोग आपस में प्यार से रहें यही उनकी कामना है। कुछ असामाजिक तत्व यह शांति भंग करना चाहते हैं जिसे सभी को मिल कर रोकना चाहिए। उडुपी में दोनों धर्मों के लोगों का साथ में रहने का लंबा इतिहास है और इसे बने रहना चाहिए। 

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