इससे पहले कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने 48 उम्मीदवारों को पास कराने की अनुशंसा की थी। सिंह ने अपने आरोपों को पुख्ता बताते हुए कहा था कि व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को उन्होंने शपथ पत्र के साथ दस्तावेज सौंपे हैं इसलिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
सिंह के आरोपों को नकारते हुए शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि विपक्ष के नेता बौखलाएं हुए हैं। लगातार चुनाव हारने के कारण कांग्रेस के नेताओं के पास कोई जवाब नहीं है तो वह अब इस्तीफा मांग रहे हैं। चैहान ने कहा कि ऐसे विपक्ष इस्तीफा मांगता रहे तो मैं तो इस्तीफा ही देता रहूंगा।
उमा भारती का नाम शामिल होने के बाद यह कयास लगाया जाने लगा कि इस घोटाले में कुछ न कुछ गड़बड़ हुआ है। उमा ने कहा कि जिस मामले में मैं सीबीआई जांच की मांग कर रही हूं उसी में मेरा नाम घसीटना राजनीतिक साजिश है।
गौरतलब है कि व्यापम घोटाले में भाजपा के कई नेताओं का नाम सामने आ चुका है। इसमें कई सलाखों के पीछे हैं। राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे का नाम भी इस घोटाले में सामने आया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल बेटे का नाम आने के बाद इस्तीफा दे सकते हैं।