समान नागरिक संहिता विधेयक - जो उत्तराखंड में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों का प्रस्ताव करता है - मंगलवार को राज्य विधानसभा में पेश किया गया। यह विधेयक सभी धर्मों को एक कानून से चलने की पेशकश करता है।
सदन में बिल पेश करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संविधान की मूल प्रति के साथ विधानसभा में दाखिल हुए. अब इस बिल पर पास होने से पहले विधानसभा में बहस होगी।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा का चालू सत्र विशेष रूप से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को पारित करने के लिए बुलाया गया था। इससे पहले कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई थी।
बता दें कि इसके अधिनियम बन जाने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी को अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। लाज़मी है कि यह पुर्तगाली शासन के दिनों से ही गोवा में कार्यरत है।
गुजरात और असम सहित देश के कई भाजपा शासित राज्यों ने उत्तराखंड यूसीसी को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा व्यक्त की है। बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में इसका जिक्र किया था।