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उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत पुलिस पद रिक्त, राष्‍ट्रीय औसत 24 प्रतिशत

उत्तर प्रदेश पुलिस में 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं जो कि राष्‍ट्रीय औसत 24 प्रतिशत के दोगुने से अधिक है।
उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत पुलिस पद रिक्त,  राष्‍ट्रीय औसत 24 प्रतिशत

अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में स्वीकृत पुलिस बल की संख्या 22 लाख, 80 हजार 691 हैं जिनमें से 24.02 प्रतिशत यानि पांच लाख 49 हजार 25 पद रिक्त हैं।

उत्तर प्रदेश में स्वीकृत पुलिसकर्मियों की संख्या 3.63 लाख है जबकि केवल 1.81 लाख पुलिसकर्मी ही राज्य की 21 करोड़ जनता की सुरक्षा में हैं।

उन्होंने कहा देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले इस राज्य को कानून और व्यवस्था की दृष्टि से राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो :एनसीआरबी: ने सबसे खराब राज्य बताया है। यहां 1.81 लाख पुलिसकर्मियों की कमी है।

वर्ष 2015 में राज्य में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 1,239 मामले दर्ज किए गए थे।

पुलिसकर्मियों की संख्या में कमी के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद कर्नाटक का नंबर है। कर्नाटक में स्वीकृत पद 1,10,210 है जबकि इनमें से 39,276 पुलिसकर्मियों की कमी है।

इसके बाद है पश्चिम बंगाल जहां 33 प्रतिशत पद रिक्त हैं। यहां स्वीकृत पद 1,01,482 के मुकाबले 33,630 पद रिक्त हैं।

राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में केवन नगालैंड और दादर एवं नागर हवेली ही ऐसे स्थान हैं जहां स्वीकृत पदों से ज्यादा पुलिसकर्मी हैं। दिल्ली में 82, 242 स्वीकृत पदों में से 5,894 पद रिक्त हैं।

नक्सल प्रभावित राज्यों में सबसे ज्यादा रिक्त पदों वाला राज्य है झारखंड, जहां 26 प्रतिशत पोस्ट खाली हैं। तेलंगाना में भी 26 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की कमी है। इसके बाद बिहार 23.9 प्रतिशत,  ओडि़शा 16.23 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश 16.2 प्रतिशत और छत्तीसगढ 15.84 प्रतिशत कमी से जूझ रहे हैं।

केन्द्र शासित क्षेत्रों में चंडीगढ़ में 852 जवानों, अंडमान निकोबार में 556, लक्षद्वीप में 66 और पुड्डुचेरी में 862 पुलिसकर्मियों की कमी है। भाषा

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