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यूपी एसटीएफ ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, 10 लोग गिरफ्तार

एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ में बयान जारी कर कहा कि उसने शनिवार को कानपुर नगर से इस गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से फर्जी आधार कार्ड बनाने का सामान भी बरामद किया गया हैं।
यूपी एसटीएफ ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, 10 लोग गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बायोमैट्रिक मानक के क्लोन फिंगर प्रिंट के माध्यम से फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के 10 लोगों को कानपुर से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ का दावा है कि पकड़े गए जालसाज काफी समय से फर्जी आधार कार्ड बना रहे थे। 

समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक, एसटीएफ को राज्य के कई शहरों में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ में बयान जारी कर कहा कि उसने शनिवार को गिरोह के सरगना सौरभ सिंह समेत 10 लोगों को कानपुर के बर्रा इलाके की वर्ल्ड बैंक कालोनी से गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार किए गये लोगों में गिरोह का सरगना सौरभ सिंह के अलावा शुभम सिंह, शोभित सचान, शिवम कुमार, मनोज कुमार, तुलसी राम, कुलदीप सिंह, चमन गुप्ता, गुड्डू गौड़ और सतेंद्र कुमार शामिल हैं। यह सभी कानपुर, फतेहपुर,मैनपुरी, प्रतापगढ, तथा हरदोई जिलों के रहने वाले हैं। इनके पास से फर्जी आधार कार्ड बनाने का सामान भी बरामद किया गया हैं, जिसमें फर्जी आधार कार्ड, फिंगर प्रिंट स्‍कैनर और रेटिना स्कैनर सहित कई कागजात बरामद शामिल है। 

फिंगर और रेटिना स्‍कैन का भी निकाला तोड़ ‌

एसटीएफ पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया कि यह गिरोह यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बायोमेट्रिक मानकों को बाईपास कर फेक फिंगर प्रिंट के जरिए आधार कार्ड बनाने का काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि राज्य के कई शहरों में टैम्पर्ड क्लाइंट एप्लिकेशन (Tampered Client Application) के जरिए आपरेटर्स अनिवार्य प्रमाणित लॉगिन आईडी का दुरुपयोग एवं बाईपास कर फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की जानकारी मिल रही थी। इसी के अाधार पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर ने साइबर क्राइम थाना लखनऊ में केस भी दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम इस गिरोह के जालसाजों की तलाश में जुट गई।

एसटीएफ ने बताया कि गिरोह प्रदेश के कई जिलों में फर्जी सॉफ्टवेयर की सप्लाई करता था। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन अनिवार्य किए जाने के बाद गिरोह ने फिंगर स्कैनिंग के अलावा रेटिना स्‍कैन ऑथेंटिकेशन का तोड़ ‌भी निकाल लिया था।

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