विपक्षी बेंचों की ओर से उछाला गया जूता मजीठिया के बैठने की जगह से थोड़ी दूरी पर गिरा। प्रदर्शनकारी कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर की ओर कैग की कुछ रिपोर्ट्स के पन्नों सहित कुछ दस्तावेज फेंके। सदन के कर्मचारियों ने स्पीकर को सुरक्षा की खातिर घेर रखा था।
पंजाब कांग्रेस के कई विधायकों ने विधानसभा से जाने से इंकार करते हुए दो रातें सदन में ही बिताईं। यह विधायक राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए दबाव बना रहे हैं। कल ईद पर एक दिन की छुट्टी होने के बाद आज सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने शून्यकाल आरंभ होने से पहले ही अपनी मांग उठाई। सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा सदस्यों और कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सदन में जब हंगामा हो रहा था तब मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल दोनों सदन के भीतर मौजूद थे। कांग्रेस सदस्यों ने बहस के लिए समय दिए जाने की मांग को लेकर विधानसभा के भीतर सरकार के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया। कुछ सदस्य स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल के आसन तक पहुंच गए जिन्होंने 15 मिनट के लिए प्रश्नकाल स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों का आसन के समक्ष हंगामा जारी था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ को स्पीकर से कुछ कहते हुए देखा गया। स्पीकर ने विपक्षी सदस्य से कहा कि वह आसन का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा। जाखड़ के वहीं रहने पर अटवाल ने कहा मेरे विचार से, आप नहीं चाहते कि सदन सुचारू रूप से चले। आप सदन का समय जाया कर रहे हैं। इसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल, शून्यकाल और दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव निलंबित करते हुए संबद्ध मंत्रियों से विधेयक लेने को कहा। बहरहाल, युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग तथा अन्य विधायक आसन के समक्ष हंगामा करते रहे। इस बीच कैग की रिपोर्ट्स के कुछ पन्नों सहित दस्तावेज भी अटवाल की ओर उछाले गए। सुरक्षा के लिए वाच एंड वार्ड स्टाफ ने स्पीकर को घेर रखा था लेकिन वारिंग और कुछ अन्य विधायक दस्तावेज फेंकते रहे। हंगामे के बीच विधेयक पारित किए गए। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से एक जूता फेंका गया जो विक्रम मजीठिया की सीट से कुछ पहले गिरा। (एजेंसी)