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यूपी: प्रमुख सचिव ऊर्जा के औचक निरीक्षण में खुली विभाग की कलई, हुई कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव ऊर्जा और पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार के औचक निरीक्षण में विभाग...
यूपी: प्रमुख सचिव ऊर्जा के औचक निरीक्षण में खुली विभाग की कलई, हुई कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव ऊर्जा और पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार के औचक निरीक्षण में विभाग की कलई खुल गई। 11 बजकर 45 मिनट तक न तो उपभोक्ता सम्बन्धी कोई काउन्टर खुला था और न ही उपखण्ड अधिकारी पहुंचे थे। उपभोक्ताओं ने प्रमुख सचिव को बताया कि कई दिनों से वे लगातार उपखण्ड अधिकारी से मिलने की कोशिश कर हैं, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है। उपखण्ड अधिकारी राधेश्याम लगभग एक घण्टे के बाद पहुंचे। अध्यक्ष ने उनसे पूछा कि आपके मिलने का समय क्या है, आपने अपने कार्यालय में इसे लिखकर क्यों नहीं लगाया है। वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने मंगलवार को हुसैनगंज स्थिति उपखण्ड अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। अध्यक्ष ने पूछा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं के लिए उपभोक्ता काउन्टर क्यों बन्द हैं तो बताया गया कि सम्बन्धित बाबू के परिवार में आज किसी की मृत्यु हो गयी है। प्रमुख सचिव ने कनेक्शन जारी करने वाले रजिस्टर की जांच पड़ताल की तो पता चला कि उसमें भी अनियमितता है। 27 जून को कनेक्शन के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। अध्यक्ष ने वहां उपस्थित अवर अभियन्ता अंगद यादव और मनोज यादव से पूछा नए कनेक्शन जारी करने में इतना विलम्ब क्यों हो रहा है तो दोनों अवर अभियन्ता उसका कोई सुनिश्चित उत्तर नहीं दे पाये। तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के आरोप में अवर अभियन्ता मनोज यादव को निलम्बित करने, दूसरे अवर अभियन्ता अंगद यादव को कनेक्शन देने में देरी पर प्रतिकूल प्रविष्टि, उपखण्ड अधिकारी राधेश्याम सुपरवीजन लेप्सेस के लिए वार्निंग, अधिशासी अभियन्ता महेन्द्र सिंह को निरीक्षण एवं सुपर वीजन कार्यों में लापरवाही पर प्रतिकूल प्रविष्ट और स्थानान्तरण, अधीक्षण अभियन्ता वीवी राय को भी निरीक्षण एवं सुपर वीजन कार्यों में लापरवारी पर प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश निदेशक वाणिज्य की आख्या के बाद दिए गए।

प्रमुख सचिव ने चेतावनी दी है कि जहां कहीं भी इस तरह की लापरवाही मिली वहां पर प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को बार-बार निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यालयों में उपभोक्ताओं से मिलने का समय सुनिश्चित करें, विद्युत चोरी रोकने के लिए डाली जाने वाले छापे बकायेदारों के विद्युत विच्छेदन तथा नये विद्युत कनेक्शन निर्गत करने की कार्यवाही रजिस्टर में अंकित करें तथा अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता अपने अधीनस्थ कार्यालयों में लगातार दौरा करें तथा विद्युत व्यवस्था के सुधार हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रम एवं योजनाओं का अनुश्रवण करें और उसको रजिस्टर में अंकित भी करें। लेकिन आज के निरीक्षण में इसमें घोर लापरवाही पाई गयी।

अफसरों को ही किया गुमराह करने का प्रयास

प्रमुख सचिव ने निदेशक वाणिज्य एके श्रीवास्तव को शाम तक विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। शाम को निदेशक वाणिज्य ने प्रमुख सचिव को जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें अधिकारियों को ही गुमराह करने का प्रयास किया गया। अवर अभियन्ता मनोज यादव द्वारा 1 विद्युत विच्छेदन रजिस्टर दिखाया गया, जिसमें पाया गया कि अधिकांश कनेक्शन महीनों से पड़े हैं, परन्तु उनका बिल जमा नहीं किया गया है। इसी तरह मनोज यादव के रजिस्टर को देखने में पाया गया कि हसीनजहां ने कनेक्शन के लिए 10 जुलाई को आवेदन किया था, लेकिन अभी तक कनेक्शन जारी नहीं किया गया। मामले में अवर अभियन्ता ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण आख्या 4-5 दिन पहले लगा दी गयी थी। परन्तु सिस्टम पर पता चला कि आज ही रिपोर्ट लगायी गयी है। यह अधिकारियों को गुमराह करने वाला कदम था। दूसरे अवर अभियन्ता अंगद यादव का रजिस्टर चेक करने पर पाया गया कि उपभोक्ता अशोक बनर्जी ने 27 जून को कनेक्शन के लिए फीस जमा की थी, परन्तु उन्हें अभी तक कोई कनेक्शन नहीं दिया गया।

  

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