पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम जारी है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने अब उत्तरप्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड में घपले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
भूसरेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार की जांच में प्रथम दृष्टया संघ के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बीके यादव दोषी पाए गए हैं। इसे देखते हुए मामले की आगे की जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया गया है। यादव इस समय केंद्र में सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग में निदेशक हैं। वे 18 दिसंबर 2013 से 23 मई 2017 तक उप्र सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड में तैनात थे। उस दौरान उनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और अनियमितताओं में लिप्त रहने के कई आरोप लगे थे।
गन्ना मंत्री सुरेश राणा के अनुरोध पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मंडलायुक्त को उनके विरुद्ध जांच के आदेश दिए थे। जांच, चीनी मिल संघ में हुई नियुक्तियों, पदोन्नतियों एवं स्थानांतरण से हुई कथित धन उगाही, कर्मियों के उत्पीड़न एवं भत्तों में गड़बड़ी को लेकर की गई थी।