उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 6 श्रद्धालुओं समेत कुल 7 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार ने दो दिनों तक हेली सेवाओं पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि हादसे की जांच विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) करेगा।
आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘दुर्घटना में पांच श्रद्धालु, एक शिशु और चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई। हेलीकॉप्टर ने गुप्तकाशी से पांच बजकर 10 मिनट पर उड़ान भरी और पांच बजकर 18 मिनट पर श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा। हेलीकॉप्टर ने पांच बजकर 19 मिनट पर गुप्तकाशी के लिए फिर से उड़ान भरी और गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।’’
मारे गए लोगों में पांच तीर्थयात्री, पायलट और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का एक कर्मचारी शामिल है। नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दुर्घटना की जांच एएआईबी द्वारा की जाएगी।
स्थिति पर चर्चा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम मार्ग पर हेली सेवाएं दो दिनों तक निलंबित रहेंगी, क्योंकि मौसम खराब है और यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। धामी ने कहा कि लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए, चाहे वे किसी भी स्तर के हों और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, "आम लोगों के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।"
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राज्य में हेली संचालन के लिए सख्त एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी करने, एक नियंत्रण और कमांड केंद्र स्थापित करने और दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
धामी ने कहा, "हेलीकॉप्टर सेवाओं के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक कॉमन कमांड और समन्वय केंद्र स्थापित किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) के अधिकारी और राज्य में हेली सेवाएं संचालित करने वाली कंपनियां इस केंद्र का हिस्सा होंगी।
धामी ने कहा, "राज्य में हेलीकॉप्टर संचालन के संबंध में डीजीसीए के मानदंडों के अनुपालन में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में उड़ान भरने वाले पायलट अनुभवी हों।"
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्धन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे, आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन और यूसीएडीए, डीजीसीए और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारी शामिल हुए।
दुर्घटना के लिए खराब मौसम को जिम्मेदार ठहराते हुए धामी ने कहा कि हेलीकॉप्टर परिचालन सोमवार तक पूरी तरह से स्थगित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मौसम खराब है और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। आज और कल कोई हेली सेवा नहीं होगी। विमानन कंपनियों, डीजीसीए और यूसीएडीए को हेली परिचालन फिर से शुरू करने से पहले स्थिति की पूरी तरह समीक्षा करने को कहा गया है।"
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिमालयी क्षेत्र में अधिकाधिक अत्याधुनिक मौसम पूर्वानुमान उपकरण लगाने के निर्देश दिए, ताकि मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। धामी ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से संपर्क करने और उनके शवों को उनके स्थानों पर भेजने की उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थस्थलों की ओर जाने वाले चार धाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं या आपातकालीन लैंडिंग की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। रविवार सुबह गुप्तकाशी के निकट केदारनाथ से लौट रहे आर्यन एविएशन के हेलिकॉप्टर की दुर्घटना, 30 अप्रैल को यात्रा शुरू होने के बाद से तीर्थयात्रा मार्ग पर पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना थी।