उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक निर्माणाधीन होटल में रविवार तड़के बादल फटने से हुए भूस्खलन में दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि सात लापता हो गए।
जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पुलिस के जवान संयुक्त रूप से युद्ध स्तर पर घटनास्थल पर खोज एवं बचाव अभियान चला रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर भारी वर्षा और भूस्खलन की संभावना को देखते हुए चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
उपनिरीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि भूस्खलन वाले स्थान से करीब 18 किलोमीटर दूर तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास यमुना नदी के किनारे से दो मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं।
जब भूस्खलन हुआ, तब शिविर स्थल पर 29 मजदूर मौजूद थे, जिससे राजमार्ग का लगभग 10 मीटर हिस्सा बह गया।
डीएम ने बताया कि 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि नौ लापता हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं।
आर्य ने बताया कि मजदूर नेपाल, देहरादून और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से थे।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन उत्तरकाशी के पालीगाड़ से लगभग 4 किलोमीटर आगे सिलाई बेंड में हुआ।
उन्होंने बताया कि मजदूर होटल के निर्माण कार्य में लगे हुए थे तथा होटल स्थल के निकट एक नया भूस्खलन क्षेत्र विकसित हो गया है।
मृतकों की पहचान पीलीभीत के दुजेलाल (55) और नेपाल के केवल विष्ट (43) के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि शवों को नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया है।
डीएम ने कहा,"लापता मजदूरों में नेपाल के रोशन चौधरी (37), अनवीर धामी (40), कल्लू राम चौधरी (60), सर कटेल धामी (32), जयचंद (38) छोटू (22) और प्रियांश (20) देहरादून से, शामिल हैं।
उन्होंने बताया, "सिलाई बेंड और गुजरी बेंड पर भूस्खलन के मलबे के कारण राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण यमुनोत्री से लौट रहे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लापता मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "घटनास्थल पर खोज एवं बचाव कार्य जारी है। मैं लगातार संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं।"
मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर सहित उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में 29 और 30 जून को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिसके कारण अधिकारियों को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए एक दिन के लिए चारधाम यात्रा रोकनी पड़ी है।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि राज्य में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना को देखते हुए एहतियात के तौर पर चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
चारधाम तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे जहां हैं वहीं रहें और मौसम सामान्य होने के बाद ही अपनी यात्रा फिर से शुरू करें। पांडे ने कहा कि सोमवार को मार्गों पर मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद आगे की यात्रा पर निर्णय लिया जाएगा।
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं से प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और मौसम सामान्य होने तक अपने गंतव्यों के लिए रवाना न होने को कहा गया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी के सिलाई बेंड में चल रहे बचाव कार्यों और राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के बाद समग्र स्थिति की जानकारी लेने के लिए देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया।
उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित स्थल पर खोज एवं बचाव कार्य में तेजी लाने को कहा।
उन्होंने बंद सड़कों को शीघ्र खोलने तथा चारधाम मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर मौसम सामान्य होने तक प्रतीक्षा कर रहे तीर्थयात्रियों को भोजन एवं दवा उपलब्ध कराने के निर्देश भी जारी किए, ताकि वे अपनी तीर्थयात्रा फिर से शुरू कर सकें।
जिला प्रशासन को अगले दो महीने तक चौबीसों घंटे सतर्क रहने को कहा गया है।