देहरादून। सूबे की माली हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बार-बार मितव्ययता पर जोर दे रहे हैं तो मंत्रियों को विदेशों का दौरा रास आ रहा है। अब कृषि मंत्री गणेश जोशी पांच विधायकों और अफसरों के साथ तीन देशों की सैर पर जा रहे हैं। इस 12 दिवसीय दौरे को जैविक खेती के गुर सीखने का नाम दिया गया है। अहम बात यह भी है कि इससे पहले अफसरों और नेताओं के विदेश दौरों का सूबे को क्या लाभ मिला है, यह बताने वाला कोई नहीं है।
सूबे की माली हालत किसी से छुपी नहीं है। बजट का अधिकांश पैसा नान प्लान पर ही खर्च हो रहा है। इन हालात को समझ कर ही सीएम धामी बार-बार सरकारी खर्च में मितव्ययता पर जोर दे रहे हैं। लेकिन सीएम की इस नसीहत का मंत्रियों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। किसी न किसी नाम पर विदेशों में सैर का बहाना तलाशा जा रहा है।
ताजा मामला कृषि विभाग का है। विभागीय मंत्री गणेश जोशी पांच अन्य विधायकों के अलावा विभागीय अफसरों के साथ तीन देशों के भ्रमण पर जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि नेताओं और अफसरों का यह दल 12 दिवसीय दौरे में जर्मनी, स्विटजरलैंड और इटली का दौरा करेगा। इस दौरान यह दल जैविक खेती के गुर सीखेगा।
अहम बात यह भी है कि इस दल सत्तारूढ़ दल के विधायक सुरेश गड़िया, रेनू बिष्ट और रामसिंह कैड़ा शामिल हैं तो विपक्ष को साधने के लिए हरीश धामी और मनोज तिवारी को भी शामिल किया गया है। सवाल यह भी है कि जब विपक्षी विधायक खुद भी जा रहे हैं तो कांग्रेस इस तरह के दौरे को कैसे फिजूलखर्ची बताकर सरकार को घेर सकती है।
इस विदेश दौरे का सोशल मीडिया में खासा विरोध हो रहा है। लोग लिख रहे हैं कि इससे पहले पूर्व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी ऐसी ही जैविक खेती के नाम पर विदेश का दौरा कर चुके हैं। उस दौरे का सूबे को क्या लाभ मिला, इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं।
लोग लिख रहे हैं कि उत्तराखंड में जैविक खेती पहले से ही उन्नत स्तर की है। फिर सरकारी खजाने से लाखों रूपये का खर्च क्या केवल मौज मस्ती के लिए किया जा रहा है। सोशल मीडिया में सीएम धामी से मांग की जा रही है कि इस तरह के बेवजह के खर्च को रोकने के लिए इस दौरे को रद किया जाए।