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रामनवमी झंडा विसर्जन को लेकर झारखंड में हिंसा, स्थिति तनावपूर्ण, करीब 5 लोग घायल

रामनवमी जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल और बिहार में हिंसा की घटना के बाद झारखंड में भी तनावपूर्ण स्थिति...
रामनवमी झंडा विसर्जन को लेकर झारखंड में हिंसा, स्थिति तनावपूर्ण, करीब 5 लोग घायल

रामनवमी जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल और बिहार में हिंसा की घटना के बाद झारखंड में भी तनावपूर्ण स्थिति है। औद़योगिक नगरी जमशेदपुर मं विसर्जन जुलूस को लेकर सांप्रदायिक तनाव है। शुक्रवार को प्रशासन और अखाड़ों के मध्‍य दिनभर खींचतान के बीच जुलूस के दौरान दो स्‍थानों पर टकराव की घटना घटी। जुलूस के दौरान पत्‍थरबाजी की वजह से सीओ (अंचलाधिकारी) सहित आधा दर्जन लोग चोटिल हुए। शनिवार को जमशेदपुर के हल्‍दीपोखर बाजार को बंद का एलान किया गया है। सुबह से ही माहौल संगीन है। प्रशासन चौकस है।

शुक्रवार को जमशुदपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के हल्‍दीपोखर और जुगसलाई में रामनवमी झंडा विसर्जन जुलूस के दौरान जमकर बवाल हुआ। दोनों स्‍थानों पर दूसरे समुदाय के लोगों ने जुलूस पर पथराव किया। हल्‍दी पोखर में पथराव की वजह से सीओ, मुखिया, जैप के दो जवान सहित पांच लोग घायल हो गये। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हल्‍दीपोखर में रूट को लेकर प्रशासन के साथ अखाड़ों का विवाद हुआ।

प्रशासन ने रोकने की कोशिश की तो झंडे के आगे का हिस्‍सा टूट गया। इसे लेकर हंगामा चल ही रहा था कि दूसरे पक्ष के शरारती तत्‍वों ने जुलूस पर पथराव कर दिया। टकराव बढ़ा जिसमें पोटका के सीओ सहित पांच लोग घायल हो गये। साकची बाजार से निकलने वाले अखाड़ा का ट्रेलर जब्‍त किये जाने को लेकर अखाड़ा समितियों और प्रशासन के बीच जुलूस निकालने को लेकर दिनभर खींचतान चलती रही। एक दिन पहले से ही अखाड़ा समितियां जब्‍त ट्रेलर को छोड़ने और डीजे के साथ जुलूस निकालने की मांग पर अड़े थे। जुगसलाई में झंडा विसर्जन जुलूस में अड़चन से नाराज युवकों ने हावड़ा-मुंबई रेल लाइन को जाम कर दिया तो एक टायर गोदाम में आग लगा दी।

प्रशासन के टकराव के बाद अखाड़ा समितियों ने जमशेदपुर बंद का भी एलान किया बाद में डीसी और एसपी ने स्‍थानीय सांसद और अखाड़ा समितियों के साथ बैठक कर ट्रेलर और डीजे के साथ जुलूस निकालने की अनुमति दी। तब बंद को वापस लिया गया।

बता दें कि झारखंड में रामनवमी का झंडा जुलूस विशाल पैमाने पर निकलता है। रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, गिरिडीह जैसे संवेदनशील जिलों में रामनवमी को शांतिपूर्ण गुजार लेना प्रशासन अपनी सफलता मानता है। रांची और हजारीबाग में भव्‍यता कुछ इस अंदात में होती है कि सारा शहर केसरिया झंडे से पटा रहता है। रांची के मेन रोड पर तो पैदल चलना भी मुश्किल। शहर की छोटी-बड़ी तमाम दुकानें बंद रहती हैं। पैदल लंबी यात्रा कर आने वालों के लिए शहर में चारों तरफ स्‍टाल लगाकर लोगों के बीच शर्बत और कुछ खाने की व्‍यवस्‍था अखाड़ा समितियां करती हैं। करीब एक हजार अखाड़े जुलूस की शक्‍ल में तलवार, लाठी भांजते हुए निकलते हैं। इस बार तो बड़ी संख्‍या में महिलाएं भी तलवार के साथ जुलूस में शामिल हुईं। शहर में तमाम दुकानें बंद रहती हैं। दवा भी ढूंढना मुश्किल। बड़े झंडों के जुलूस की वजह से दोपहर से देर रात बिजली पूरी तरह काट दी जाती है। संभावित तनाव को देखते हुए हजारीबाग में तो डीजे बजाने पर प्रशासन ने पूरी तरह रोक लगा दी थी। वहां भी प्रशासन के साथ अखाड़ों, भाजपा व हिंदूवादी पार्टी के नेताओं के बीच तनातनी चलती रही। रमजान की वजह से माहौल और भी संगीन था।

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