महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता आशीष शेलार ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस जहां भी सत्ता में आती है, वहां राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। शेलार ने लोगों से महा विकास आघाडी को वोट न देने की अपील की।
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी द्वारा कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण को लिखे पत्र का हवाला दिया जिसमें मुसलमानों के लिए आरक्षण और 'लव जिहाद' के मामलों के लिए गठित समिति को रद्द करने की मांग की गई थी। उन्होंने पार्टी (कांग्रेस) पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
शेलार ने कहा, "कांग्रेस जहां भी सत्ता में आती है वहां राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देती है। जहां भी पार्टी सत्ता में आती है, वहां सामाजिक अशांति और अस्थिरता हमेशा बनी रहती है। जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले इसका उदाहरण हैं।"
उन्होंने लोगों से 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) वाले एमवीए गठबंधन को वोट नहीं देने की अपील की।
चव्हाण को लिखे सपा के पत्र का हवाला देते हुए शेलार ने कहा, "हम इस तरह की गतिविधियों को वोट जिहाद कहते हैं। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। हम इस तरह के वोट जिहाद के पूरी तरह खिलाफ हैं। शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने के मामले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का क्या रुख है?"
भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला का तबादला देश के निर्वाचन आयोग के निर्देश पर किया गया और विपक्ष को यह स्वीकार करना चाहिए कि निर्वाचन आयोग तटस्थ और निष्पक्ष है।
कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राज्य सरकार को डीजीपी शुक्ला का तत्काल प्रभाव से तबादला करने का निर्देश दिया था।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि शुक्ला एक विवादास्पद अधिकारी हैं, जिन्होंने भाजपा का पक्ष लिया है और उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने पर संदेह पैदा होगा।
शेलार ने कहा, "हम पटोले को अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई भी दस्तावेज या सबूत पेश करने के लिए आमंत्रित करते हैं। अगर वह अगले सप्ताह तक ऐसा करने में असमर्थ रहते हैं, तो हम निर्वाचन आयोग के साथ एक औपचारिक शिकायत दर्ज करने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए मांफी की मांग करते हैं। एक व्यक्ति को निशाना बनाना और उसे परेशान करना अच्छा नहीं है और यह कांग्रेस या शिवसेना (यूबीटी) पर उल्टा पड़ सकता है।"