दिग्गज आईटी कंपनी गूगल में भारतीयों की पैठ बढ़ती जा रही है। सुंदर पिचाई के नाम से सभी वाकिफ हैं। अब भारतीय महिलाएं भी गूगल में जगह बना रही हैं।
बिहार के अरवल जिले के सोनभद्र गांव की मधुमिता ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक गूगल में सालाना एक करोड़ रुपये के पैकेज की नौकरी हासिल की है। रविवार की सुबह वह नई दिल्ली से स्विट्जरलैंड के लिए रवाना हो गईं।
कौन हैं मधुमिता?
मधुमिता सोनपुर में आरपीएफ के सहायक कमांडेंट कुमार सुरेंद्र शर्मा की दूसरी बेटी हैं। गांव से प्रारंभिक शिक्षा शुरू करने वाली मधुमिता की हाईस्कूल तक की पढ़ाई खगौल में हुई है।
मधुमिता ने बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा खगौल स्थित वाल्मी डीएवी से हुई थी। इसके बाद आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद एपीजी बेंगलुरू में प्लेसमेंट हुआ। इसकी प्रेरणा उन्हें मां-पिता एवं पूर्व राष्ट्रपति मरहूम अब्दुल कलाम से मिली। मधुमिता को उसकी मां और हाउस वाइफ चिंता शर्मा व उसके पिता का पूरा सहयोग मिला है। मधुमिता तीन भाई-बहनों में मंझली हैं।
कई दोस्तों ने कहा- लड़कियों के लिए है यह नामुमकिन
सामान्य परिवेश में पली-बढ़ी मधुमिता जब कभी भी बड़े सपने की बात अपने दोस्तों से करती थी तो उसे कई मित्र यह कहकर हतोत्साहित करते थे कि बड़े सपने देखना लड़कियों के बस की बात नहीं है।
गूगल ने मधुमिता को एक करोड़ सालाना के पैकेज पर स्विट्जरलैंड में टेक्निकल सॉल्यूशन इंजीनियर का पद दिया है। अपनी सफलता पर गौरवान्वित होते हुए मधुमिता कहती हैं कि बचपन से गूगल जैसी बड़ी कंपनी में काम करने का सपना देखती रही थी, वह सपना आज साकार हो गया। शिखर पर पहुंचने की मन में तमन्ना लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर मर्सिडीज, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों में पिछले कुछ सालों से काम कर रही थीं।