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शादी के 17 दिनों के भीतर ही पति ने पत्‍नी को कर दिया प्रेमी के हवाले, त्रिपक्षीय सहमति से हुआ निर्णय

यह कोई फिल्‍मी पटकथा नहीं हकीकत है। पत्‍नी के प्रेम को देखते हुए शादी के 17 दिनों के भीतर ही पति ने...
शादी के 17 दिनों के भीतर ही पति ने पत्‍नी को कर दिया प्रेमी के हवाले, त्रिपक्षीय सहमति से हुआ निर्णय

यह कोई फिल्‍मी पटकथा नहीं हकीकत है। पत्‍नी के प्रेम को देखते हुए शादी के 17 दिनों के भीतर ही पति ने पत्‍नी को उसके प्रेमी के हवाले कर दिया। अमूमन फिल्‍मों में ही इस तरह के किस्‍से देखने को मिलते हैं। यह घटना रांची शहर के रातू इलाके की है।

सुखदेव नगर की रहने वाली माध्‍वी (काल्‍पनिक) की शादी रातू के चिपरा के रहने वाले राधेश्‍याम महली के साथ तीन जुलाई को मंदिर में हुई थी। शादी के बाद माध्‍वी ससुराल गई तो पति को अपने प्रेम संबंधों के बारे में बता दिया। तब जाहिर हुआ कि पति-पत्‍नी के बीच तीसरा कोण माध्‍वी का प्रेमी मुरली साहू है। माध्‍वी मुरली पर फिदा थी। इससे उसकी आशनाई कोई डेढ़ साल से थी। दीवानी की हद तक। किस्‍सा जानने के बाद राधे श्‍याम ने तय किया कि तीन लोगों के बर्बाद होने से बेहतर है कि माध्‍वी मुरली के साथ ही रहे। मगर अपने परिवार वालों के सामने कहे तो कैसे।

शादी के चंद दिनों के भीतर ही माध्‍वी बिना किसी को बताये अपने प्रेमी के यहां चली गई। ससुराल वालों ने माध्‍वी के मायके में संपर्क किया तो वहां भी नहीं थी। तब राधेश्‍याम ने घर वालों के सामने माध्‍वी के प्रेम प्रसंग का राज खोला। परिजन मुरली के यहां जाकर माध्‍वी को 19 जुलाई को वापस लाये। मगर माध्‍वी ससुराल में रहने को तैयार नहीं थी। वह मुरली के साथ ही रहना चाहती थी। अंतत राधेश्‍याम के घर वालों ने आपस में विमर्श किया और माध्‍वी को उसके प्रेमी को सौंपने का निर्णय किया।

मंगलवार 20 जुलाई को माध्‍वी के परिजन, प्रेमी मुरली और उसके परिवार वालों को रातू प्रखंड मुख्‍यालय बुलाया गया। मुरली की भी सहमति ली गई। समझौता मसविदा तैयार किया गया और तीनों पक्षों ने उस पर हस्‍ताक्षर किये। फिर माध्‍वी को मुरली के हवाले कर दिया गया।

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