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बिना मंजूरी के फीस नहीं बढ़ा सकेंगे दिल्ली के स्कूल

शिक्षा निदेशालय ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को...
बिना मंजूरी के फीस नहीं बढ़ा सकेंगे दिल्ली के स्कूल

शिक्षा निदेशालय ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने व अभिभावकों से बकाया वसूलने की मंजूरी दी थी। शिक्षा निदेशालय के नए आदेश के बाद कोई भी निजी स्कूल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए फीस नहीं बढ़ा सकेंगे और स्कूलों को फीस बढ़ोतरी के पूर्व के आदेशों को भी वापस लेना होगा। डीडीए की जमीन पर बने स्कूलों के खातों का परीक्षण के बाद ही निदेशालय फीस बढ़ोतरी को हरी झंडी देगा।

शिक्षा निदेशालय ने अक्टूबर 2017 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का हवाला देते हुए डीडीए की जमीन पर बने स्कूलों को छोड़कर निजी स्कूलों को फीस बढ़ोतरी की छूट दी थी। जिसके  तहत निजी स्कूल 7.5 फीसदी से 15 फीसदी तक ट्यूशन फीस बढ़ा सकते थे, जबकि अभिभावकों से वर्ष 2016 से दिसंबर 2017 तक का बकाया दो स्लैब में वसूलने का आदेश दिया गया था, लेकिन शिक्षा निदेशालय के इस आदेश पर 21 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी।

अब शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जारी किए गए निर्देशों को ध्यान में रखकर नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी स्कूलों से सातवें वेतन आयोग के नाम पर फीस बढ़ोतरी की छूट को वापस ले लिया गया है। निदेशालय में उपनिदेशक योगेश प्रताप की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि चालू एकेडमिक सेशन में डीडीए की भूमि पर बने स्कूलों के फीस बढ़ाने के लिए दिए गए प्रस्तावों को ही वैध माना जाएगा। इन प्रस्तावों के बाद शिक्षा निदेशालय नियमानुसार डीडीए की जमीन पर बने स्कूल के खातों का परीक्षण करेगा और फीस बढ़ोतरी को लेकर कोई फैसला लेगा।

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