मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन एवं आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। हत्या के आरोप में छह बार वारंट जारी होने के बावजूद वे अदालत में पेश नहीं हुए हैं। अदालत ने सातवीं बार उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी करते हुए अगली सुनवाई 19 दिसंबर को तय की है। उनकी गिरफ्तारी नहीं होने पर कांग्रेस ने प्रदेश्ा सरकार की कड़ी आलोचना की है। साथ ही आर्य की बर्खास्तगी की मांग की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है,"चुनावों में गुजरात मॉडल का जमकर प्रचार करने वाले मोदीजी, जरा पार्टी के मध्यप्रदेश मॉडल को भी देखिए। एक मंत्री के खिलाफ हत्या के आरोप में गिरफ्तारी वारंट निकलने पर आपकी पार्टी ने सारी नैतिकता तयाग कर कानून की परिभाषा ही बदल कर रख दी है।" नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए आर्य को बर्खास्त करने की मांग की है। सिंह ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट के बाद आर्य को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त कर अदालत के समक्ष पेश होने को कहें।
आर्य कांग्रेस विधायक रहे माखनलाल जाटव की हत्या में आरोपी हैं। जाटव की अप्रैल 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान हत्या कर दी गई थी। कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से पुलिस आर्य की तलाश में भिंड में दबिश दे रही है। पर सूत्रों का कहना है कि आर्य राजधानी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस ने 19 दिसंबर से पहले उनकी गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है। इस बीच, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने एक बार फिर आर्य का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि आर्य को सीबीआइ क्लीनचिट दे चुकी है। वे निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि वारंट निकलने से क्या होता है। कानून में अग्रिम जमानत का प्रावधान है। आर्य अग्रिम जमानत का प्रयास करें और तब तक सामने न आएं।