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"खेलेगा यूपी, जीतेगा यूपी" नारे को साकार करेगी योगी सरकार; एक जिला, एक खेल योजना पर भी चल रहा काम

लखनऊ। योगी सरकार "खेलेगा यूपी, जीतेगा यूपी" के नारे को साकार करेगी। इसमें गाँव से लेकर ब्लॉक एवं जिला...

लखनऊ। योगी सरकार "खेलेगा यूपी, जीतेगा यूपी" के नारे को साकार करेगी। इसमें गाँव से लेकर ब्लॉक एवं जिला स्तर पर स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय खेलों के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं, वहां की प्रतिभाओं को बचपन से ही निखारने में प्रशिक्षण और समय-समय पर प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय खेलों स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

योगी सरकार इन सभी मुद्दों पर ध्यान दे रही है। इस क्रम में सरकार की योजना हर गांव में खेल मैदान, ब्लॉक मुख्यालय पर मिनी स्टेडियम, एक जिला,एक खेल और खेलो इंडिया सेंटर बनाने की है।

दूर होगी प्रशिक्षकों की कमी:

खेलों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के साथ स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रशिक्षण पर भी बराबर का जोर है। इसके लिए 42 प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 250 प्रशिक्षकों के और नियुक्ति की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू होने वाली है।खिलाड़ियों की हौसला अफजाई का संभव प्रयास करते हैं योगी:

जहाँ तक खिलाड़ियों के हौसला अफजाई की बात है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसका हर संभव प्रयास करते हैं। अभी चंद दिन पूर्व उन्होंने इसी मकसद से गुजरात के राष्ट्रीय खेल आयोजन में जाने वाले यूपी के खिलाड़ियों से मुलाकात की थी। लगे हाथ उन्होंने इनके यात्रा के लिए ट्रेन में एसी थ्री टीयर में यात्रा की भी सुविधा भी दे दी।

इसके पहले अगस्त 2021 में खिलाड़ियों के सम्मान में ही यहां लखनऊ में मुख्यमंत्री की पहल पर खेल कुंभ का भी आयोजन हुआ था। इसीमें मुख्यमंत्री ने लखनऊ में खेल एकेडमी बनाने एवं कुश्ती समेत दो खेलों को एडॉप्ट करने एवं 10 साल तक इनके वित्त पोषण की भी घोषणा की थी। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं की दक्षता बढ़े इसके लिए मेरठ में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम से वैश्विक स्तर का खेल विश्वविद्यालय भी बन रहा है। सरकार इसी मकसद से पांच साल के लिए नई खेल नीति लाने की भी तैयारी कर रही है।

गोरखपुर या इसके आस-पास वर्ल्डक्लास स्पोर्ट्स सिटी बनाने का भी प्रस्ताव:

यही नहीं गोरखपुर या इसके आस-पास वर्ल्डक्लास स्पोर्ट्स सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। दो चरणों में बनने वाली स्पोर्ट्स सिटी के लिए करीब 300 से 400 एकड़ जमीन की जरूरत होगी 100-150 एकड़ जमीन में स्पोर्टस सिटी होगी। बाकी में खास किस्म के बहुउद्देश्यीय स्टेडियम, इनडोर स्टेडियम, मीटिंग हाल और आवासीय एवं अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। करीब 10 दिन पहले शासन ने इसके लिए गोरखपुर के कमिश्नर को पत्र लिखकर पहले चरण के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने को कहा है। नाम के अनुरूप इसकी सभी बुनियादी सुविधाएं वर्ल्डक्लास की होंगी।

हर खेल के लिए होंगे अलग-अलग स्टेडियम:

अलग-अलग खेलों के लिए अलग-अलग और भिन्न क्षमता के स्टेडियम होंगे। मसलन 50-50 हजार की क्षमता के बहुउद्देश्यीय क्रिकेट एवं फुटबाल स्टेडियम, एथलेटिक्स स्टेडियम की क्षमता 30 हजार की होगी। शूटिंग एवं तीरंदाजी रेंज की क्षमता 500-500 की, कुश्ती एवं वॉलीबाल स्टेडियम की क्षमता 1000-1000 की होगी। इसी तरह खोखो स्टेडियम की क्षमता 2000 की होगी।

अलग खेलों के लिए होंगी एकेडमी:

अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बनने वाली इस प्रस्तावित स्पोर्ट्स सिटी में 5000 की क्षमता का बहुउद्देश्यीय स्टेडियम होगा। इसकी छत जरूरत के अनुसार खुल सकेंगी। साथ ही कनवेन्सन सेन्टर, सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्पोर्ट्स क्लिनिक, 5 स्टार एवं बजट होटल, मनोरंजन पार्क, मल्टीप्लेक्स एवं शॉपिंग मॉल, हेल्थ एवं फिटनेश सेंटर, फुटबाल, क्रिकेट, कुश्ती, बैडमिंटन एवं अन्य लोकप्रिय खेलों के लिए एकेडमी, होटल मैनेजमेंट इंस्टीटूट आदि का भी प्रस्ताव है। दूसरे चरण में चैपिंशिपनशिप गोल्फकोर्स, गोल्फ एकेडमी, गोल्फ रेसिडेंशियल विला एवं अपार्टमेंट आदि का भी प्रस्ताव है। कुल मिलाकर यह देश की पहली ऐसी एकीकृत स्पोर्टस सिटी होगी जहाँ खेल एवं मनोरंजन से जुड़ी सभी सुविधाएं होंगी।

पूर्वांचल के युवा भी खेल में करेंगे देश-दुनिया में अपना नाम रौशन:

यह एक ऐसा शहर होगा जिसमें न केवल राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के अधिकांश लोकप्रिय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो सकेगा, बल्कि अन्य बुनियादी सुविधाओं के नाते स्पोर्ट्स टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। इन सुविधाओं के विकास के लिए निवेशक भी आएंगे। इससे निवेश के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बेहतर सुविधाएं मिलने से पूर्वांचल के खिलाड़ी देश दुनियां में अपना नाम और रौशन कर सकेंगे।

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