योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 'भव्य प्रतिमा' लगाने की तैयारी कर रही है। 'नव्य अयोध्या' योजना के तहत राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल राम नाईक को भी दिखाया है।यह प्रस्ताव धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य पर्यटन विभाग की पहल का एक हिस्सा है।
सरकार के इस प्रस्ताव में प्रतिमा की ऊंचाई 100 मीटर रखने की बात कही गई है, लेकिन कई अधिकारियों के मुताबिक यह अभी अंतिम फैसला नहीं है। द इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस आशय का प्रजेंटेशन भी दिया है। राजभवन की प्रेस रिलीज में इस बात की पुष्टि की गई है।
इस प्रजेंटेशन में अयोध्या में 18 अक्टूबर को दीवाली उत्सव मनाए जाने के सरकार के कार्यक्रम का ब्योरा भी दिया गया है। इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यटन मंत्री के जे अलफोन्स और सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा हिस्सा लेने वाले हैं।
प्रेस रिलीज में यह बताया गया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अनुमति के बाद इस प्रतिमा को सरयूघाट पर स्थापित किया जाएगा। हालांकि इस संबंध में सरकार का कहना है कि अभी यह महज 'संकल्पना प्रस्ताव' है और इस आशय का एनजीटी को पत्र अभी भेजा जाना है। इस योजना में नदी किनारे राम कथा गैलरी, दिगंबर अखाड़ा परिसर में बहुउद्देशीय ऑडीटोरियम और कई अन्य जनोपयोगी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
बता दें कि पिछले तीन दशकों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए राम मंदिर एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। पार्टी ने यूपी चुनावों के दौरान अपने चुनाव घोषणा पत्र में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की कसम खाई थी।