शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से दो दिन में स्थिति रिपोर्ट मांगी है जिसमें हरियाणा के मुनक नहर बैराज पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम का जिक्र हो। उच्चतम न्यायालय की इस पीठ में मौजूद न्यायमूर्ति यू. यू. ललित ने पहले दिल्ली सरकार की दलील सुनने से इनकार कर दिया था और एक सरकार से दूसरी सरकार के स्तर पर मामला सुलझाने के बजाय शीर्ष अदालत में पहुंचने पर दिल्ली सरकार की खिंचाई की। अदालत में मौजूद दिल्ली सरकार के जल संसाधन मंत्री कपिल मिश्रा से कहा, ‘आप लोग सरकारी स्तर पर समस्या सुलझाने के बजाय प्रत्येक मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर आ जाते हैं। आप मंत्री लोग क्षेत्र में जायजा लेनेके बजाय अदालत में बैठे हुए हैं। आप एसी कमरों में आराम फरमाते हुए चाहते हैं कि अदालत से आदेश जारी हो।’
हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से वकील राजीव धवन के बार-बार दबाव दालने के बाद खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में जल आपूर्ति बहाल करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का आदेश जारी किया। हरियाणा की ओर से उपस्थित वकील ने बताया कि चीजें नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है और वे आज ही जलापूर्ति बहाल करने की कोशिश में हैं। आप सरकार ने हरियाणा के मुनक नहर से बाधित जलापूर्ति को बहाल करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग को लेकर रविवार को शीर्ष अदालत का रुख किया था। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि केंद्र मुनक नहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सेना भेजे।