अमेरिकी प्रशासन ने शुक्रवार, 27 जून 2025 को ईरान के साथ परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए एक नई पेशकश की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने ईरान को सैनक्शनों में राहत, फंसे हुए फंड तक पहुंच, और शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता देने की बात कही है। यह कदम हाल के इजरायल-ईरान संघर्ष और अमेरिकी हवाई हमलों के बाद आया है, जो 13 जून से शुरू हुए थे और 24 जून को सीजफायर के साथ रुके।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ईरान को उसके फंसे हुए करीब 60 अरब डॉलर तक पहुंच देने और सैनक्शनों में ढील देने पर विचार कर रहा है, बशर्ते ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को पूरी तरह बंद कर दे। इसके अलावा, एक शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए 20-30 अरब डॉलर की मदद की पेशकश की गई है, जिसका भुगतान संभवतः अमेरिका के खाड़ी सहयोगी देशों द्वारा किया जाएगा, न कि सीधे अमेरिका द्वारा। यह पेशकश मध्य पूर्व के राजनयिकों और ईरानी अधिकारियों के बीच गुप्त बातचीत का हिस्सा है।
हालांकि, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने पहले कहा था कि जब तक उनके नागरिकों पर हमले जारी हैं, वार्ता संभव नहीं। ईरान ने अमेरिकी हमलों से अपने परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—को हुए नुकसान को कम करके आंका है और दावा किया है कि यूरेनियम भंडार सुरक्षित हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके आदेश पर 22 जून को किए गए हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "नष्ट" कर दिया, लेकिन खुफिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि नुकसान आंशिक था।
यह पेशकश ट्रंप के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने अगले सप्ताह ईरान के साथ बातचीत की योजना की बात कही थी। लेकिन ईरान ने अभी तक इस पेशकश पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, और विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे की कमी के कारण सौदा मुश्किल हो सकता है।