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सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन फॉर्मूले को बताया 'दिखावा' कहा- पंजाब में जलाई जा रही हैं पराली, भाजपा का 'आप' पर हमला

राष्ट्रीय राजधानी पिछले कई दिनों से जहरीली धुंध से घिरी हुई है। पूरी दिल्ली में लगातार प्रदूषण का कहर...
सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन फॉर्मूले को बताया 'दिखावा' कहा- पंजाब में जलाई जा रही हैं पराली, भाजपा का 'आप' पर हमला

राष्ट्रीय राजधानी पिछले कई दिनों से जहरीली धुंध से घिरी हुई है। पूरी दिल्ली में लगातार प्रदूषण का कहर जारी है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आज यानी मंगलवार को भी वायु प्रदूषण के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा गया है। इसी सिलसिले में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक बार फिर दिल्ली में ऑड-ईवन यातयात नियम को लागू करेगी। वहीं, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि ऑड-ईवन फॉर्मूले को महज 'दिखावा' बताया। गौरतलब है यह नियम आगामी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक लागू रहेगा। 

सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार पर सख्त

वहीं, इस मामले में टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकर से कहा कि पंजाब में वह पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए वह तुरंत कुछ करे। हर समय केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट कहा है कि, हम नहीं जानते कि आप इसे कैसे करते हैं। पर इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। इसी बीच कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्मॉग टावर सही से काम नहीं कर रहें हैं। उन्होंने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करें कि, इन टावर की सही से मरम्मत हो। वहीं मामले के सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने यह भी कहा कि पंजाब में यात्रा के समय उन्होंने सड़क के दोंनो ओर बड़े पैमाने पर आग देखी थी। सिर्फ यही नहीं सुप्रीम कोर्ट का यह भी मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए ऑड-इवन जैसी योजनाएं महज दिखावा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 10 नवंबर को रखी है।

दिल्ली सरकार को भी फटकार

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी नहीं बख्शा। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, "दिल्ली सरकार को भी जिम्मेदार होना चाहिए। ऐसी कई बसें हैं जो प्रदूषण फैलाती हैं और आधी क्षमता पर चलती हैं। आपको समस्या पर ध्यान देना होगा।" न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले को शुक्रवार के लिए पोस्ट कर दिया। कोर्ट ने केंद्र से पराली जलाने से रोकने के तरीकों पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकारों के साथ बैठक करने को कहा है। इसने यह भी कहा है कि वह वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर भी गौर करेगा, जो दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक और प्रमुख योगदानकर्ता है।

अकाली दल का 'आप से सवाल'

पंजाब सरकार को पराली जलाने से रोकने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा कि,"सुप्रीम कोर्ट को पहले दिल्ली और हरियाणा का प्रदूषण खत्म करना चाहिए। उन्होंने "आप" मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि, पहले केजरीवाल हमें बदनाम करते थे लेकिन अब पंजाब में उनकी सरकार है।" पुरे देश को अनाज देने वाले पंजाब के किसानों को अब बदनाम किया जा रहा है।

भाजपा ने सीएम पर किया हमला

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद से ही भाजपा इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि, पंजाब में मैं एक साल में बिल्कुल पराली की समस्या को खत्म कर दूंगा। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल पंजाब में पराली जलाने के मामले में 700 फीसदी वृद्धि देखी गयी है। जबकि अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। यदि उन्होंने दिल्ली के लिए कुछ किया होता तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता। मेरा मुख्यमंत्री जी को सुझाव है कि, वह राजनीतिक पर्यटन को छोड़कर दिल्ली पर ध्यान दें। क्योंकि भारत सरकार अपना काम कर रही है। आप देखिए अब हरियाणा में पराली जलाने के मामले में कमी आ गई है।

कांग्रेस ने केजरीवाल को ठहराया जिम्मेदार

वहीं कांग्रेस ने भी दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के मामले में आम आदमी पार्टी तथा केंद्र दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर लवली ने अपने दिए गए बयान में कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों ने दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए कोई पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। वह यहीं नहीं रुके उन्होंने आग्रह किया कि, प्रशासन इसके लिए कोई स्थायी समाधान निकाले।

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