भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अत्यंत पिछड़े वर्गों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने यह हमला पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद किया है जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य के शहरी, स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी और ईबीसी के लिए आरक्षण को अवैध करार दिया।
दरअसल पटना हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया कि राज्य के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी और ईबीसी के लिए आरक्षण अवैध था। साथ ही बिहार सरकार को आदेश दिया कि इस प्रक्रिया को सामान्य श्रेणी के रूप में आरक्षित सीटों को पुन: अधिसूचित करके किया जाए।
मोदी ने कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा, "नीतीश कुमार जानते हैं कि ईबीसी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं इसलिए उन्होंने उन्हें छोड़ दिया है। हम मांग करते हैं कि ओबीसी और ईबीसी कोटा के लिए सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करते हुए नगर निगम चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं। मोदी ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में अपना पैसा गंवाया है, उन्हें राज्य सरकार मुआवजा दे।"
राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने 4 फरवरी और 12 मार्च को मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार को इस तरह के कोटा के लिए सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट मानदंडों को पूरा करने के लिए एक आयोग गठित करने की सलाह दी थी। 22 मार्च और 11 मई को राज्य चुनाव आयोग ने भी इस मामले में सरकार से निर्देश मांगा था।