बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर कल श्रीलंका पहुंचे। आज उन्होंने 18वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया और आतकंवाद, उग्रवाद और साइबर हमलों पर अपना विचार वयक्त किए।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, "सामूहिक रूप से आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, अंतरराष्ट्रीय अपराध, साइबर हमलों और नार्को-तस्करी का भी मुकाबला करना चाहिए। कल शिखर सम्मेलन में हमारे चार्टर और मास्टर प्लान को अपनाने के लिए तत्पर हैं।"
इसके अलावा विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सहयोग, विशेष रूप से कनेक्टिविटी, ऊर्जा और समुद्री सहयोग के क्षेत्रों को तेज और विस्तारित करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा "इसके लिए सक्रिय व्यापार सहयोग और आम परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेंगे। जिसमें बंदरगाह सुविधाओं, नौका सेवाओं, तटीय शिपिंग, ग्रिड कनेक्टिविटी और मोटर वाहनों की आवाजाही पर सहयोग प्रमुख हैं।"
बता दें कि शिखर सम्मेलन की मेजबानी श्रीलंका द्वारा की जा रही है। उम्मीद है कि 30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक समूह के शिखर सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे। बिम्सटेक में भारत और श्रीलंका के अलावा, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।