रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के आतंकवाद-रोधी समिति में पाकिस्तान को उपाध्यक्ष नियुक्त करने के निर्णय की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस फैसले को "बिल्ली को दूध की रखवाली सौंपने" जैसा बताया। पाकिस्तान को 2025 में UNSC की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष और 1373 आतंकवाद-रोधी समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हैरानी की बात है कि यह समिति 9/11 हमलों के बाद बनाई गई थी। हम सभी जानते हैं कि 9/11 हमले किसने किए थे। यह किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान ने उस हमले के मास्टरमाइंड को पनाह दी थी।"
सिंह ने इस निर्णय को न केवल चौंकाने वाला बल्कि UN जैसी संस्था की आतंकवाद के प्रति गंभीरता पर सवाल उठाने वाला बताया। उन्होंने कहा, "यह वही पाकिस्तान है, जिसकी जमीन का इस्तेमाल वैश्विक आतंकवादी संगठनों की पनाहगाह के रूप में होता रहा है।" भारत ने लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया है कि पाकिस्तान UN द्वारा नामित आतंकवादियों और आतंकी संगठनों की सबसे बड़ी संख्या का मेजबान है। भारत ने 2021-22 में UNSC के अस्थायी सदस्य के रूप में अपनी अवधि के दौरान 2022 में इस समिति की अध्यक्षता की थी।
राजनाथ सिंह ने इस नियुक्ति को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक विरोधाभास बताया और कहा कि यह निर्णय UNSC की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। यह बयान हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, खासकर अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे।