अदालत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मुंबई जैसे शहर में रात में कर्फ्यू नहीं होने पर देर रात सड़क पर घूमना कोई अपराध नहीं है। बता दें पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ देर रात घूमने पर महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 122 (बी) के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले सुमित कश्यप ने दक्षिण मुंबई में एक सड़क पर बैठे हुए रूमाल से अपना चेहरा ढंकने की कोशिश की। हालांकि मुंबई की गिरगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 16 जून को उसे बरी करने का आदेश पारित किया था।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर अदालत के लिए यह मानना मुश्किल था कि आरोपी अपराध करने के लिए अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 122 (बी) में सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच पाए जाने वाले व्यक्ति को "अपराध करने के इरादे से अपना चेहरा ढकने या अन्यथा प्रच्छन्न होने" के लिए बुक करने का प्रावधान है। मजिस्ट्रेट नदीम पटेल ने कहा, "आरोपी को मुंबई में लगभग 1.30 बजे गिरफ्तार किया गया था। मुंबई जैसे शहर में, 1.30 बजे भी देर नहीं हुई है। कोई भी सड़क पर खड़ा हो सकता है।
अदालत ने कहा, "भले ही मान लिया जाए कि 1.30 बजे बहुत देर हो चुकी है, फिर भी, रात का कर्फ्यू न होने पर भी सड़क पर घूमना कोई अपराध नहीं है।" अदालत ने पुलिस के इस मामले को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि वह व्यक्ति रूमाल से अपना चेहरा ढककर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था।