अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत-अमेरिका व्यापार समीकरण को “वन-साइडेड डिज़ास्टर” करार देते हुए दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामान पर आयात कर घटाकर “शून्य” करने की पेशकश की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब इसके लिए “देर हो चुकी” है।
ट्रंप ने अपनी नई टिप्पणी में एक बार फिर भारत के रूस के साथ व्यापारिक संबंधों की ओर इशारा किया। उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब उनकी सरकार ने भारत पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाया है। ट्रंप का इशारा दोनों देशों के बीच लंबे समय से अटकी व्यापार वार्ताओं की ओर था, जिस पर भारत सरकार की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
ट्रंप का यह दावा उस समय सामने आया जब अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने पिछले हफ्ते ही व्यापार वार्ता की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई थी और भारत के रूस से तेल आयात को टैरिफ लगाने का एक बड़ा कारण बताया था। ट्रंप के शीर्ष सलाहकार पीटर नवारो ने तो यहां तक कहा था कि “ब्राह्मण” तेल रिफाइनर रूस से तेल लेकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान और चीन की यात्राओं से लौटे हैं और रूस के साथ दशकों पुराने रिश्तों पर जोर दिया है, जिसे वैश्विक व्यापार समीकरण में संभावित फेरबदल के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत के साथ हम बहुत कम कारोबार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत ज़्यादा करते हैं। वजह है कि भारत ने अब तक हम पर इतने ऊंचे टैरिफ लगाए कि हमारी कंपनियां वहां सामान बेच ही नहीं पाईं। यह पूरी तरह एकतरफा और विनाशकारी रहा है।”
आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत ने अमेरिका से 41.5 अरब डॉलर का सामान खरीदा, जबकि 87.3 अरब डॉलर का निर्यात किया। इस तरह भारत को 45.8 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष मिला। 2025 के शुरुआती छह महीनों में भारत ने अमेरिका को 56.3 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि 22.1 अरब डॉलर का आयात किया।
ट्रंप ने फिर कहा कि भारत “ज्यादातर तेल और सैन्य उपकरण रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम,” और आरोप लगाया कि यही वजह है कि भारत पर पहले 25% और फिर कुल मिलाकर 50% तक का टैरिफ लगाया गया। उन्होंने दावा किया, “भारत ने अब अपने टैरिफ शून्य करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो चुकी है। यह उन्हें सालों पहले करना चाहिए था।”