उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट विस्तार से पहले ही इस्तीफों का सिलसिला जारी है। संगठन के निर्देश पर वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया है। चार और मंत्रियों के इस्तीफा दिए जाने की चर्चा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
प्रदेश सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर मंत्रीमण्डल में शामिल होने वाले नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। इसीलिए बुधवार को राजभवन में 11 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व संघ, सरकार और संगठन की बैठक चल रही है, जिसमें मंत्री परिषद में शामिल होने वाले संभावित नामों पर मुहर लगने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के इस्तीफा दिए जाने के बाद चार और मंत्रियों के इस्तीफा दिए जाने की चर्चा है। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि जिस जाति के मंत्री से इस्तीफा लिया गया है। उसी जाति के किसी अन्य जनप्रतिनिधि को मंत्री बनाया जाएगा।
मंत्री मंडल में शामिल होने वाले नामों को लेकर सरकार, संगठन और संघ की समन्वय बैठक लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के आयुष्मान ग्रैंड रिसोर्ट में चल रही है। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह के साथ क्षेत्रीय आरएसएस के प्रचारक भी मन्त्रिमण्डल में शामिल होने वाले नामों पर चर्चा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष भी हैं, लेकिन इस पद से उन्होंने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बताया कि अपनी उम्र को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा है। हालांकि इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है। उनका कहना है कि इस बारे में संगठन की ओर से कोई निर्देश नहीं दिया गया था।
रिपोर्ट कार्ड के आधार पर लिए जा रहे इस्तीफे
पार्टी नेतृत्व की तरफ से मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया गया था और उसी आधार पर इस्तीफे लिए जा रहे हैं। कई मंत्रियों के कामकाज को लेकर लगातार सरकार और संगठन में शिकायत भी हो रही थी। इसे भी आधार बनाया गया है।