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गोरखपुर: भूमाफिया भाई ने सपा नेता को बेची दूसरे की जमीन

पीपीगंज नगर पंचायत में एक रिटायर अधिकारी की हाईवे की जमीन भूमाफिया ने  बेच दी। मामले की शिकायत...
गोरखपुर: भूमाफिया भाई ने सपा नेता को बेची दूसरे की जमीन

पीपीगंज नगर पंचायत में एक रिटायर अधिकारी की हाईवे की जमीन भूमाफिया ने  बेच दी। मामले की शिकायत उन्होंने डीएम से भी की है। डीएम ने एसडीएम को सख्त कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। 

मामला नगर पंचायत पीपीगंज के निवासी लाल बहादुर प्रसाद जायसवाल का है। वह प्रथम श्रेणी अधिकारी के पद से रिटायर हैं और लखनऊ रहते हैं। भूमाफिया कपूर चंद ने सपा नेता फिरोज अली को उनकी चौहद्दी दिखाकर जमीन बेच दी। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया है कि पीपीगंज-सोनौली हाईवे पर उनकी पुस्तैनी जमीन है, जिसका अराजी संख्या 446 उत्तर दिशा में मौजा भैयाराम तहसील कैंपियरगंज में है, जिस पर वह दशकों से काबिज हैं। पीड़ित का आरोप है पिछले काफी समय से धोखाधड़ी से ये लोग मेरी जमीन गबन करने की साजिश रच रहे थे। नाकाम होने पर मेरे ऊपर हर तरह का दबाव बनाया कि मैं उन्हें अपनी जमीन बेच दूं। हाल ही में मैंने अपने जमीन की पुरानी चाहरदिवारी तोड़कर नई चाहरदिवारी बनाने का प्रयास किया, तो वार्ड नंबर चार निवासी सपा नेता फिरोज अली और शिव नारायण सिंह ऊर्फ बुन्ना सिंह सहित करीब 50 से ज्यादा लोगों ने मेरा निर्माण रोक दिया कि यह जमीन उन्होंने कपूर और कविता से खरीदी है। मौके पर जब कपूर चंद को बुलाया गया, तो कपूर चंद ने सबके सामने स्वीकार किया कि ग़लती से चौहद्दी गलत लिख दी गई है और इसे सही कराएंगे, लेकिन बाद में मुकर गए।

पीपीगंज नगर पंचायत में मनोनीत सभासद अनिल अग्रहरी ने पीड़ित से कि जहां आपकी जमीन है वहां ले लीजिए, लेकिन दिशा (चौहद्दी) का मामला सुलझ नहीं पा रहा है।

भूमाफिया ने बनाई करोड़ों की सम्पत्ति, पहले थे पाई पाई के मोहताज

क्षेत्र में भूमाफिया के आतंक से सैकड़ों लोग परेशान हैं। डरा, धमका और कागजों में हेराफेरी कर भूमाफिया लोगों की जमीनें हड़प रहे हैं। तमाम मामलों में मजबूर होकर लोग पुलिस-प्रशासन के चक्कर काटने और विवाद से बचने के लिए अपनी जमीनें औने-पौने दाम में भूमाफिया को बेच रहे हैं। क्षेत्र में भूमाफिया ने इन्हीं हथकंडों को अपनाकर करोड़ों की सम्पत्ति बना ली है, जबकि कुछ साल पहले पाई पाई के मोहताज थे।

सरकारी जमीन पर भूमाफिया ने दर्ज कराया अपना नाम

रिटायर अधिकारी की जमीन के सामने सरकारी जमीन सड़क पोख्ता है। इस पर भी कुछ प्रापर्टी डीलरों ने मिलकर अवैध निर्माण करा लिया था, लेकिन ग्राम प्रधान की शिकायत पर और लेखपाल की रिपोर्ट पर तहसील प्रशासन ने करीब साढ़े तीन साल पूर्व अवैध निर्माण को ढहाया था। अब फिर से प्रापर्टी डीलरों ने साजिशन इसी जमीन पर अपना नाम दर्ज करा लिया है।

 

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