उत्तर प्रदेश की वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले से जुड़ा एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने वजूखाने में कथित तौर पर मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मामले पर सुनवाई की। मंगलवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल करने और उस पर बहस के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित कर लिया था।
वाराणसी की एक जिला अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष को बड़ा झटका देते हुए मस्जिद परिसर के अंदर पाए जाने वाले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद हिन्दू पक्ष ने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है।
जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने अपने फैसले में हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा कथित 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच और कार्बन डेटिंग की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते खारिज कर दिया।
ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने हिन्दू पक्ष द्वारा कार्बन डेटिंग की मांग का विरोध किया था।
मंगलवार को हिन्दू पक्ष और मस्जिद कमेटी की सुनवाई पूरी होने के बाद जिला अदालत ने 14 अक्टूबर को फैसला सुनाने का फैसला किया था।
हिन्दू पक्ष की ओर से अपनी बात रखने वाले वकील मदन मोहन यादव ने कहा, "न्यायाधीश ने कार्बन डेटिंग की मांग करने की हमारी मांग को खारिज कर दिया है। हम आदेश की प्रति का इंतजार कर रहे हैं। उच्च न्यायालय जाने का विकल्प हमारे पास उपलब्ध है और हम अपनी बात उच्च न्यायालय के समक्ष भी रखेंगे।
श्रृंगारगौरी सहित अन्य विग्रहों के पूजा के अधिकार के वाद पर सुनवाई के दौरान हुए सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। उसकी कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराने के लिए हिंदू पक्ष के पांच में से चार वादियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने प्रार्थना पत्र दिया था।