हाथरस गैंगरेप केस की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को और दस दिन का समय दिया गया है। दरअसल, पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी को पहले सात दिन की मोहलत दी गई थी, जिसकी मियाद आज पूरी हो रही है। इस बीच एसआईटी टीम ने जांच के लिए और 10 दिन की मोहलत मांगी थी, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। एसआईटी द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी, सीओ समेत 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
इस पूरे मामले को लेरकर पीड़ित परिवार और विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी गठित कर जांच रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी थी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) को अपनी रिपोर्ट देने का समय 10 दिन बढ़ा दिया गया है। बता दें कि हाथरस गैंगरेप मामले की जांच के लिए सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में बनाई गई एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली थी। एसआईटी अपनी रिपोर्ट शासन को अपनी रिपोर्ट आज सौंपनी थी।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि हाथरस जिले के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से 4 लड़कों ने कथित रूप से गैंगरेप किया और उसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की। बाद में पीड़िता को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया, लेकिन तबीयत में सुधार न होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। लेकिन, उस वक्त हंगामा मच गया जब पुलिस ने रात में ही परिजनों को बिना शव सौंपे उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना के बाद सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक आक्रोश देखने को मिला।