Advertisement

इमरजेंसी के समय में लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास हुआ: सीएम योगी

लखनऊ। सही समाचार पहुंचाना भी एक सेवा है। ये लोकतंत्र की सेवा है। लोकतंत्र की ताकत संवाद है लेकिन संवाद...
इमरजेंसी के समय में लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास हुआ: सीएम योगी

लखनऊ। सही समाचार पहुंचाना भी एक सेवा है। ये लोकतंत्र की सेवा है। लोकतंत्र की ताकत संवाद है लेकिन संवाद के साथ सत्‍य भी होगा और उसके साथ देश के प्रति सेवा भाव भी इसके समन्‍वय का काम आजादी के समय देखने को मिला। इमरजेंसी के समय में जब लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास हुआ था जिन लोगों ने ये प्रयास किए उन्‍होंने लोकतंत्र के मजबूत स्‍तंभों के गले को घोटने का काम भी किया था। उस समय मीडिया को दंश झेलना पड़ा था। ये बातें सोमवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने एक समाचार एजेंसी के अमृत पर्व प्रवेश समारम्‍भ कार्यक्रम में कहीं । उन्‍होंने आज के परिवेश में मीडिया के महत्‍व को बताते हुए उसे समाज का दपर्ण बताया। उन्‍होंने कहा कि 75 वर्ष किसी व्‍यक्ति के जीवन में महत्‍वपूर्ण होते हैं अगर संस्‍था समूह से हो तो ये समय उपलब्धियों से जुड़ा हुआ होता है । 75 वर्ष का कार्यकाल किसी व्‍यक्ति, समूह, संस्‍था समाज के लिए महत्‍वपूर्ण होता है। 

आज इस क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं । अलग-अलग चुनौतियों से ये क्षेत्र जूझ रहा है। एक ओर इलेक्‍ट्रानिक मीडिया है तो वहीं प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया भी है। आज लोगों का दृष्टिकोण तेजी से बदला है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में दुनिया के ताकतवर देश पस्‍त हो गए पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत के कोरोना प्रबंधन का लोहा दुनिया ने माना है । रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच शांति के लिए दूसरे देशों की निगाह भारत के यशस्‍वी पीएम पर थी कि भारत की पहल व मध्यस्थता का असर पड़ेगा । भारत के कौशल प्रबंधन का लोहा दुनिया मान रही है । भारतीय भाषा को महत्‍व देते हुए भरतीय प्रमुख एजेंसियां काम कर रहीं हैं । लोगों की रूचि के अनुसार इलेक्‍ट्रानिक, प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया में त्‍वरित समाचार गुणवत्‍ता व सत्‍यता के साथ देने में ये एजेंसियां सफल हो रहीं हैं।     

इस भारतीय एजेंसी ने स्‍थापना काल से भारतीयता को महत्‍ता देते हुए संवाद के जरिए सत्‍य और सेवा को जीवन का ध्‍येय वाक्‍य बनाते हुए समाचार की गुणवत्‍ता को भारतीय भाषा परंपरा का सम्‍मान करते हुए 74 वर्ष की आयु को पूरा करते हुए 75 वें वर्ष में कदम रख रहा है। जिस समय इसकी नींव रखी गई तो उस समय स्‍वतंत्र भारत में इलेक्‍ट्रानिक मीडिया नहीं था। प्रिंट मीडिया में हमारी स्थिति किस रूप में हो वो दृष्टि देने का काम इस एजेंसी ने किया। उस समय स्‍वतंत्र भारत में भारतीय दृष्टि भी अपना महत्‍व रखेगी व भारतीय दृष्टिकोण को सामने रखकर समाचार को संवाद से जोडेंगे क्‍यूंकि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र बनने वाला था। आज इस एजेंसी की 74 वर्ष की यात्रा सफल रही। 75 वर्ष में प्रवेश करने के साथ ये एजेंसी आज 15 भाषा में 950 पत्र पत्रिकाओं में समाचार देने का काम सत्‍य सेवा और समर्पण के भाव से कर रही है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad